शोधकर्ताओं के अनुसार, कैंसर से पीड़ित लोगों में बिना किसी दुष्प्रभाव के कोरोना टीकों का उपयुक्त
कैंसर रोगियों के लिए कोरोना रोकथाम के लिए लगाए जा रहे
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कैंसर रोगियों के लिए कोरोना रोकथाम के लिए लगाए जा रहे टीके पूरी तरह सुरक्षित होने के साथ ही प्रभावी हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक कैंसर से पीड़ित लोगों में बिना किसी दुष्प्रभाव के कोरोना टीकों का उपयुक्त, सुरक्षात्मक प्रतिरोधक प्रतिक्रिया देखी गई है।
यूरोपियन सोसाइटी फॉर मेडिकल ऑन्कोलॉजी (ईएसएमओ) की वार्षिक सम्मेलन में वैश्विक दर्शकों के लिए ऑनलाइन प्रस्तुत किए गए साक्ष्य से यह जानकारी सामने आई है। जिसके मुताबिक टीके तीसरी यानी बूस्टर डोज कैंसर रोगियों के बीच सुरक्षा के स्तर को और बढ़ा सकता है।
कोरोना से रोकथाम के लिए कोरोना टीके को विकसित करने और उसे उपयोग के लिए अधिकृत करने में मदद के लिए किए गए नैदानिक परीक्षणों से अभी तक कैंसर रोगियों को बाहर रखा गया था। तो वहीं कैंसर रोगियों के लिए टीके कितने सुरक्षित के साथ ही कैंसर-रोधी दवाओं से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में टीका कितना प्रभावी है, इस सवाल को अब तक नहीं सुलझाया गया था।
जिसको लेकर शोधकर्ताओं ने मॉडर्ना की दो-खुराक के टीकों के प्रति उनमें प्रतिक्रियाओं को मापने के लिए चार अलग-अलग अध्ययन समूहों में नीदरलैंड के कई अस्पतालों के 791 रोगियों को नामांकित किया।
इन प्रतिभागियों में कैंसर रहित व्यक्ति, इम्यूनोथेरेपी के साथ इलाज किए गए कैंसर रोगी, कीमोथैरेपी के साथ इलाज किए गए रोगी और केमो-इम्यूनोथेरेपी संयोजन के साथ इलाज किए गए रोगी शामिल थे।
दूसरी खुराक देने के 28 दिनों के बाद, कीमोथेरेपी प्राप्त करने वाले 84 प्रतिशत रोगियों में, कीमो-इम्यूनोथेरेपी प्राप्त करने वाले 89 प्रतिशत रोगियों और इम्यूनोथेरेपी करवाने वाले 93 प्रतिशत रोगियों में एंटीबॉडी के पर्याप्त स्तर पाए गए।