सीक्रेट नुस्खे से बनती है 3 तरह की टिक्की, गोलगप्पे, भल्ले पापड़ी, ऐसे करें तैयार
सब्जियों का राजा है आलू. भंडारे वाले आलू का झोल गरमा-गरम पूरी के साथ आनंद पहुंचाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सब्जियों का राजा है आलू. भंडारे वाले आलू का झोल गरमा-गरम पूरी के साथ आनंद पहुंचाता है तो आलू के साथ किसी भी सब्जी को शामिल कर लो, उसका स्वाद लाजवाब बन जाएगा. आज इसी आलू के जलवे आपको सुनाते हैं. जब इस आलू की टिक्की (Aloo Tikki) बनाकर उसे डीप फ्राई किया जाता है और साथ में खट्टी-मीठी चटनी और स्पेशल मसाला बुरका जाता है तो स्वाद उभरकर आता है. इस कुरकुरी टिक्की (Crispy Tikki) में जब ऊपर से दही डाल दिया जाए तो जो स्वाद बनेगा वह शायद और कहीं कम ही नजर आएगा. ऐसी ही आलू की टिक्की के स्वाद के बारे में आज आपको बताते हैं.
स्पेशल मसाले व खट्टी-मीठी चटनी टिक्की को दिलकश बना देती है
नॉर्थ दिल्ली के रोशनारा रोड पर रोशनारा प्लाजा कॉम्प्लेक्स के पास गोपाल चाट वाले का ठिया है. यूं तो इस ठिये पर गोलगप्पे, भल्ले-पापड़ी भी बिकते हैं, लेकिन लोगों को यहां मिलने वाली तीन किस्म की आलू की टिक्की ज्यादा भाती है. टिक्की-टोस्ट तो आप जानते ही होंगे. उसके चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. सबसे पहले कुरकुरी आलू की टिक्की की बात करें. लंबे-चौड़े तवे में उसे वनस्पति में डीप फ्राई किया जाता है. दुकानदार की यही खासियत है कि डीप फ्राई करने के बाद भी वह बेहद कुरकुरी होती है. इस कुरकुरी टिक्की को दोने में सजाकर उस पर खास मसाला भुरका जाता है. फिर गुड़ इमली की मीठी व धनिये-पुदीने की खट्टी चटनी डाली जाती है. जरूरत के हिसाब से कटी प्याज व मूली के साथ पेश कर दी जाती है ये टिक्की. मात्र 25 रुपये में दो गरमा-गरम टिक्की का दोना हाजिर है.
टिक्की-टोस्ट और दही वाली टिक्की भी खाइए, स्वाद मजेदार है
मजा तो टिक्की-टोस्ट का भी कम नहीं है. एक ब्रेड पर टिक्की रखी जाती है. उसमें वही मसाले, चटनी आदि डाली जाती है. फिर ऊपर से एक और ब्रेड रखकर उसे पेश कर दिया जाता है. मात्र 20 रुपये में टिक्की-टोस्ट हाजिर है. अगर टिक्की का असली आनंद लेना है तो दही वाली टिक्की भी चख लीजिए. दोने में गरमा-गरम दो टिक्की रखकर, वही मसाले-चटनी डालकर ऊपर से दही परोसा जाता है. यह रंग-बिरंगी, बेहद स्वादिस्ट टिक्की का दोना 35 रुपये में शरीर व मन को तृप्त कर देगा. अगर कुछ और भी खाना है तो चटपटे-तीखे पानी के साथ 20 रुपये में 5 गोलगप्पे और 50 रुपये में भल्ले-पापड़ी का दोना भी हाजिर है.
डीप फ्राई में बनी कुरकुरी टिक्की का नुस्खा सीक्रेट है
इलाके में चल रहे इस ठिए को वर्ष 1992 में चमनलाल और उनके बेटे महेंद्र ने शुरू किया था. अब उनके छोटे भाई गोपाल इस ठिए पर बैठकर लोगों को कुरकुरी टिक्की का स्वाद चखवा रहे हैं. यह पूछे जाने पर डीप फ्राई के बावजूद उनकी टिक्की कुरकुरी कैसे होती है, वह मुस्कराकर कहते हैं कि यह हमारा सीक्रेट नुस्खा है. इसी नुस्खे के चलते ही लोग हमारे ठिए पर खींचे चले आते हैं. यह दुकान शाम 5 बजे शुरू होती है और रात नौ-साढ़े नौ बजे तक सारा माल खत्म हो जाता है. तो कभी इस इलाके से गुजरें तो कुरकुरी टिक्की का स्वाद भी चखते चलें.