बेरोजगार डैंटल सर्जन खोल सकेंगे निजी क्लीनिक, एसओपी जारी

शिमला। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना का लाभ अब प्रदेश के यंग डैंटल सर्जनों को भी मिलेगा। कम से कम 22 और अधिक से अधिक 45 वर्ष की आयु वाले बीडीएस व एमडीएस डैंटल सर्जन को अपने निजी क्लीनिक की स्थापना के लिए 5 लाख रुपए पर उपकरणों की खरीद पर 40 प्रतिशत सबसिडी दी जाएगी, …

Update: 2024-01-13 07:28 GMT

शिमला। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना का लाभ अब प्रदेश के यंग डैंटल सर्जनों को भी मिलेगा। कम से कम 22 और अधिक से अधिक 45 वर्ष की आयु वाले बीडीएस व एमडीएस डैंटल सर्जन को अपने निजी क्लीनिक की स्थापना के लिए 5 लाख रुपए पर उपकरणों की खरीद पर 40 प्रतिशत सबसिडी दी जाएगी, जबकि यंग महिला डैंटिस्ट को 50 फीसदी छूट मिलेगी।

ऊपरी आयु सीमा में महिलाओं को 5 वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में एसओपी यानी मानक संचालक प्रक्रिया जारी कर दी गई है और जनहित में यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। यानी राज्य का बेरोजगार डैंटल सर्जन द्वारा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 के तहत निजी क्लीनिक खोलने अथवा स्थापित करने के लिए बीडीएस/एमडीएस (डैंटल सर्जन) के लिए इस योजना के तहत पात्र होगा।

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