प्रदेश के गत्ता उद्योग बंद होने के कगार पर

बीबीएन। पेपर मिलों द्वारा क्राफ्ट पेपर के दामों में की गई बेतहाशा बढ़ोतरी ने हिमाचल प्रदेश के गत्ता उद्योगों की कमर तोड़ कर रख दी है। हालात यह है कि कच्चे माल के दाम में लगातार जारी वृद्धि ने जहां उद्योगों में कामकाज प्रभावित हो रहा है, वहीं हजारों कामगारों की नौकरी पर भी खतरा मंडराने …

Update: 2024-02-10 04:25 GMT

बीबीएन। पेपर मिलों द्वारा क्राफ्ट पेपर के दामों में की गई बेतहाशा बढ़ोतरी ने हिमाचल प्रदेश के गत्ता उद्योगों की कमर तोड़ कर रख दी है। हालात यह है कि कच्चे माल के दाम में लगातार जारी वृद्धि ने जहां उद्योगों में कामकाज प्रभावित हो रहा है, वहीं हजारों कामगारों की नौकरी पर भी खतरा मंडराने लगा है। गत्ता उद्यमियों ने दो टूक शब्दों में ऐलान किया है कि अगर पेपर मिलों की मनमानी नहीं रुकी तो गत्ता उद्योग हड़ताल पर चले जाएंगे । दरअसल क्राफ्ट पेपर कंपनियां मनमर्जी से रेट बढ़ाती जा रही है, लेकिन गत्ता उद्योगों को उनके वेंडर न तो बढ़ी कीमत दे रहे है और न ही गत्ता उद्योग पुराने रेट पर माल दे पाने की स्थिति में है। ऐसे हालातों में गत्ता उद्योग तालाबंदी की कगार पर पहुंच गया है।

गत्ता उद्यमियों ने हैरानी जताई की इस देश व्यापी मुददे पर न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार उनकी मदद कर रही है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश गत्ता उद्योग संघ की एक आपात बैठक बीबीएनआईए सभागार में हुई, जिसमें कच्चे माल में हुई 30 फीसदी बढ़ोतरी पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। हिमाचल प्रदेश कोरोगेटेड बाक्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य सूद, महामंत्री विशाल गोयल व बीबीएन इकाई प्रधान हेमराज चौधरी ने कहा कि क्राफ्ट पेपर के रेट पिछले दो वर्षों में 30 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुके हैं ,परंतु हमें आगे उद्योगों से रेट बढकर नहीं मिल रहे हैं जिस कारण से हमें गत्ता उद्योग चलाने मुश्किल हो गया हैं । हिमाचल प्रदेश कोरोगेटेड बाक्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ने शुक्रवार को आयोजित आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में हिमाचल के सभी गत्ता उद्योग हड़ताल पर चले जाएंगे।

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