प्रदेश सरकार होम डिलिवरी करने वालों की सामाजिक सुरक्षा पुख्ता करेगी

फरीदाबाद: प्रदेश सरकार जल्द डोर स्टेप पर सामान, सेवाएं व भोजन उपलब्ध करवाने वाले कामगारों (गिग वर्कर्स) की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए राज्य स्तरीय बोर्ड का गठन करेगी. 30  को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव के लिए बिल रखा जाएगा. इसका नाम द हरियाणा गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड बिल-24 प्रस्तावित है. उप …

Update: 2024-01-25 03:39 GMT

फरीदाबाद: प्रदेश सरकार जल्द डोर स्टेप पर सामान, सेवाएं व भोजन उपलब्ध करवाने वाले कामगारों (गिग वर्कर्स) की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए राज्य स्तरीय बोर्ड का गठन करेगी. 30 को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव के लिए बिल रखा जाएगा. इसका नाम द हरियाणा गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड बिल-24 प्रस्तावित है.

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गुरुग्राम के लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदाता कंपनियों के अधिकारियों,औद्योगिक एवं वाणिज्यिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं श्रम,परिवहन,कराधान आदि विभागों के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इस प्रस्ताव को लेकर विचार किया.

असंगठित सेवा क्षेत्र में 52 लाख से ज्यादा वर्कर : उप मुख्यमंत्री ने इस बैठक में कहा कि हरियाणा राज्य में असंगठित सेवा क्षेत्र के लगभग 52 लाख 70 हजार वर्कर हैं. जोमेटो, ओला, उबर, स्विगी, फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं.बाइक, स्कूटर, छोटे वाहनों पर सेवाएं दे रहे हैं.वर्कर पार्ट टाइम भी हो सकते हैं,फुल टाइम, इनके लिए ना तो किसी प्रकार के बीमा, पीएफ, मेडिकल सेवा या अन्य भत्तों का प्रावधान है.

परिजनों को दी जाएगी आर्थिक मदद :सरकार का विचार है कि इन गिग अथवा मोबिलिटी वर्करों के लिए भी भवन निर्माण श्रमिकों की तरह ही एक कल्याण बोर्ड अलग से बनाया जाए. उन्होंने सुझाव दिया कि इनको गिग वर्कर की बजाय मोबिलिटी वर्कर कहा जाए तो बेहतर होगा. बोर्ड का गठन होने पर किसी भी असामान्य स्थिति में इन वर्करों की अथवा इनके परिजनों को आर्थिक सहायता दी जा सकती है.

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