बिना शिक्षकों के कैसे आफिसर बनेंगी बेटियां, केजीबीवी स्कूल में शिक्षकों का है भारी टोटा

पुन्हाना। प्रदेश सरकार भले ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का नारा देकर बेटियों को बचाने के साथ पढ़ाने का भी दावा कर रही हो, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों के अभाव में यह दावा सार्थक नहीं हो पा रहा है। इसकी बानगी पुन्हाना के बिसरू रोड स्थित केजीबीवी (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय) में देखने को मिली। जहां …

Update: 2023-12-21 08:24 GMT

पुन्हाना। प्रदेश सरकार भले ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का नारा देकर बेटियों को बचाने के साथ पढ़ाने का भी दावा कर रही हो, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों के अभाव में यह दावा सार्थक नहीं हो पा रहा है। इसकी बानगी पुन्हाना के बिसरू रोड स्थित केजीबीवी (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय) में देखने को मिली। जहां पर स्कूल केंद्र व राज्य सरकार के आपसी सहयोग से बालिकाओं को अच्छी शिक्षा देकर आफिसर बनाने के लिए बनाए गए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षकों का भारी टोटा है। जिससे स्कूल में बच्चों का भविष्य राम भरोसे है। ऐसे में यहां की बेटियां कैसे आफिसर बन पाएंगी।

बता दें कि 2007 में केंद्र व राज्य सरकार ने आपसी सहयोग से पुन्हाना के साथ ही जिले के सभी खंंडों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय स्कूल खेले थे। जिसके बाद इनमें छात्रावास भी शुरू किया गया था जो आज भी चले हुए हैं। स्कूलों का उदेश्य जिले की गरीब बेटियों को स्कूल के साथ ही छात्रास की सुविधा देकर उन्हें अच्छी शिक्षा देकर एक अच्छे मुकाम तक पहुंचाना था, लेकिन यह स्कूल प्रशासनिक लापरवाही व सरकार की अनदेखी के शिकार हो रहे हैं।
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1शिक्षक के भरोसे है केजीबीवी स्कूल की 200 छात्राओं का भविष्य :
केजीबीवी स्कूल में वर्तमान में उपमंडल के सभी गांवों से छठी से लेकर बारहवीं कक्षा तक 200 छात्राओं ने दाखिला लिया हुआ है। जबकि उन्हें शिक्षा देने का कार्य स्कूल के मुख्याध्यापक जीवन लाल व शिक्षिका रबीना मात्र दो शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में 200 छात्राओं का भविष्य मात्र 2 शिक्षकों के भरोसे है।
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अभिभावकों की सुनें :
आस मोहम्मद, राजेंद्र प्रसाद, गफ्फार व उमरू सहित अभिभावकों ने बताया कि सरकार केजीबीवी स्कूल में सरकार छात्रावास सहित अन्य सुविधाओं पर तो जोर दे रही है, लेकिन स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। शिक्षकों के अभाव में छात्राओं का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। अगर सरकार बेटियों को पढ़ाने के नारे को सार्थक करना चाहिए है तो यहां पर शिक्षकों की कमी को जल्द से जल्द पूरा करे।
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स्कूल में स्वीकृत, भरे व खाली पदों पर एक नजर :
पद - स्वीकृत पद - भरे हुए - खाली पद
मुख्याध्यापक - 1 - 1 -0
कर्लक -1 -1 -0
विज्ञान-मैथ - 1-1-0
छात्रावास वार्डन -1-1-0
हिंदी-संस्कृत -1-0-1
अंग्रेजी-एसएसटी -1-0-1
उर्दू -1-0-1
अंगेजी- -1-0-1
हिंदी- -1-0-1
इतिहास - -1-0-1
राजनीतिक विज्ञान - -1-0-1
पीटीआई - -1-0-1
कंप्यूटर टीचर - -1-0-1
ड्राइिंग टीचर - -1-0-1
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स्कूल में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर उच्चाधिकारियों को जानकारी दी हुई हैं। स्कूल में मेरे व एक अन्य शिक्षिका द्वारा छात्राओं का पढ़ाया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही सरकार स्कूल में शिक्षिकों की कमी को पूरा कर देगी। जीवन लाल, मुख्याध्यापक केजीबीवी स्कूल पुन्हाना।

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