90s के ये पांच कॉमेडी सीरियल देख भूल जाएंगे 'तारक मेहता' और 'भाभीजी'
जो आज भी टीवी और फिल्मी दुनिया में छाए रहते हैं. इस शो को नहीं देखा तो फिर क्या देखा.
इन दिनों कॉमेडी सीरियल्स का खूब बोल बाला है. लापतागंज, सुमित संभाल लेगा, बेलन वाली बहू, तारक मेहता का उल्टा चश्मा, भाभी जी घर पर हैं जैसे तमाम शो से लोगों का खूब मनोरंजन हो रहा है. कुछ शोज बंद भी हो चुके हैं तो वहीं कुछ सालों साल चलते आ रहे हैं. तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) को 14 साल पूरे हो चुके हैं तो वहीं भाभीजी घर पर हैं (Bhabhiji Ghar Par Hain) पिछले 7 सालों से हर किसी का फेवरेट है. लेकिन वो कहते हैं ना ओल्ड इज गोल्ड.
हम बात कर रहे हैं 90 के दशक की जिसमें रामायण, महाभारत और श्री कृष्णा जैसे सीरियल का बोल-बाला रहा तो वहीं इस दशक में कई कॉमेडी सीरियल्स भी आए जिन्होंने लोगों को पेट पकड़कर हंसने पर मजबूर कर दिया. ये शोज इतने मजेदार थे कि इन्हें देखने के बाद आप भाभीजी और तारक मेहता तक को भुला देंगे.
देख भाई देख (Dekh Bhai Dekh)
इस शो का नाम 90 के दशक के आइकॉनिक कॉमेडी शोज में लिया जाता है. एक संयुक्त परिवार को खूबसूरती से दिखाता ये सीरियल हंसते हंसाते कई स्ट्रॉन्ग मैसेज भी देता है. आज के दौर की जनरेशन को ये सीरियल यकीनन देखना चाहिए. फरीदा जलाल, नवीन निश्चल, शेखर सुमन, अमर उपाध्याय के अलावा कई और जाने माने सितारों से सजा ये शो ज्वाइंट फैमिली की परेशानियों को मजाकिया अंदाज में दिखाकर सभी को गुदगुदाता है.
हम पांच (Hum Paanch)
एक पिता जिसकी पांच-पांच अनूठी बेटियां हैं, जिसकी पहली पत्नी मर चुकी है लेकिन फोटो के जरिए उससे बात करती है और दूसरी पत्नी भी किसी से कम नहीं. ऐसी ट्रेजेडी में कॉमेडी भला कहां मिलेगी. 90 के दशक का सबसे पॉपुलर शो हम पांच देखने के बाद आप इसके फैन ना बन जाएं तो कहना.
तू तू मैं मैं (Tu Tu Main Main)
सास बहू की मीठी-तीखी नोंक-झोंक भला आज कहां सुनाई देती है जैसी 3 दशक पहले हुआ करती थी. अगर उस दौर को आप भी जीना चाहते हैं और घर-घर की कहानी से होना चाहते हैं रूबरू तो फिर देखिए तू तू मैं मैं. रीमा लागू और सुप्रिया पिलगांवकर का ये शो आपको हंसा-हंसाकर लोट पोट कर देगा.
श्रीमान श्रीमती (Shrimaan Shrimati)
भई पड़ोसन पर तो हर कोई फिदा होता है क्योंकि घर की मुर्गी दाल बराबर जो होती है. आज के दौर के भाभीजी घर पर हैं में ये बखूबी दिखाया भी जा रहा है. लेकिन भाभीजी से सालों पहले इसी कॉन्सेप्ट पर बना था श्रीमान-श्रीमती. जिसमें रीमा लागू और अर्चना पूरन सिंह का यादगार रोल भला कौन भुला सकता है.
ऑफिस-ऑफिस (Office Office)
सरकारी दफ्तरों की मारामारी, लेटलतीफी और रिश्वतखोरी पर करारा तंज है ऑफिस-ऑफिस. लेकिन इस गंभीर मुद्दे को दिखाने का सहारा बनी कॉमेडी. कहते हैं हंसते-हंसाते जो बात कही जाए वो ज्यादा चोट करती है. आम आदमी मुसद्दीलाल के किरदार में पंकज कपूर और तमाम वो चेहरे जो आज भी टीवी और फिल्मी दुनिया में छाए रहते हैं. इस शो को नहीं देखा तो फिर क्या देखा.
source: zeenews