यश चोपड़ा को 'किंग ऑफ रोमांस' कहा जाता था, जानें उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें
बॉलीवुड निर्देशक यश चोपड़ा की आज पुण्यतिथि हैं. निर्देशक ने अपनी फिल्मों से ऑडियंस को एक नए तरह के सिनेमा से रूबरू कराया था. उनकी पुण्यतिथि के खास मौके पर जानें उनसे जुड़ी बातें.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बॉलीवुड के महान निर्देशक यश चोपड़ा (Yash Chopra) की आज पुण्यतिथि है. भले ही यश चोपड़ा हमारे साथ नहीं है. लेकिन उनका योगदान हिंदी सिनेमा में हमेशा याद रख जाएगा. यश चोपड़ा ने हिंदी फिल्मों की परिभाषा को बदल रख दिया. निर्देशक को 'किंग ऑफ रोमांस' के नाम से जाना जाता है. उनके योगदान को कोई नहीं भूल सकता है. आज उनकी पुण्यतिथि पर उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्सों के बारे में जानते हैं.
यश चोपड़ा का जन्म पकिस्तान के लाहौर में 27 सितंबर 1932 में हुआ था. लेकिन बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया था. उनके परिवार के लोग उन्हें इंजीनियर बनना चाहते थे. लेकिन यश हमेशा से जानते थे कि उनकी रूचि फिल्मों की तरफ ज्यादा है, इसलिए वो अपने इस सपने को बुरा करने के लिए अपने भाई बी. आर चोपड़ा (B.R Chopra) के पास मुंबई आ गए. यश चोपड़ा ने 70 के दशक में दर्शकों को एक नए तरह के सिनेमा से रूबरू कराया. उनकी फिल्म में ड्रामा, प्यार का एंगल और इमोशन का तड़का होता था. अपने करियर के इस दौरान में उन्होंने दीवार, त्रिशूल, कभी-कभी, डर समेत कई बेहतरीन फिल्में दी हैं.
यश चोपड़ा की कहानी में वास्तविकता होती थी जो उन्हें दर्शकों के साथ जोड़ती थी. ये कहना गलत नहीं होगा कि अमिताभ बच्चन के करियर को बुलंदियों तक पहुंचाने में यश चोपड़ा का बहुत अहम योगदान है.
80 के दशक में फिल्म में आया भटकाव
80 के दशक में यश चोपड़ा की ज्यादातर फिल्में धमाल नहीं मचा पाई. निर्देशक ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, फिल्मों के पोस्टर को देखकर लगता था कि सिर्फ सितारे बदल रहें है. लेकिन कहानी वही है. इसके बाद निर्देशक ने चांदनी फिल्म का निर्माण किया था. इसमें स्विट्जरलैंड की वादियों, खूबसूरत नजारें और रोमांस के तड़के ने लोगों का दिल जीत लिया. यश चोपड़ा ने इसके बाद श्रीदेवी, जूही चावला, माधुरी दीक्षित के साथ कई हिट फिल्में बनाई. निर्देशक ने फिल्मी पर्दे पर कुछ किरदारों को सदाबाहर के लिए लोगों के दिल में बसा दिया.
शाहरुख के करियर को दिया आयाम
1993 में फिल्म 'डर' ने शाहरुख खान की करियर को अलग ऊचांइयों पर पहुंच दिया. ये फिल्म एक साइको लवर की कहानी है. इस फिल्म में शाहरुख खान पागलों की तरह जूही चावला से प्यार करते थे. उनकी विलेन की भूमिका थी जबकि सनी देओल हीरों की भूमिका में थे.