आमिर खान ने क्यों अवॉर्ड फंक्शन्स में जाना बंद किया

ये तो सब जानते हैं कि आमिर खान आज किसी भी अवॉर्ड फंक्शन में नहीं जाते हैं, लेकिन ये बहुत कम लोग जानते होंगे कि आमिर खान ने क्यों इन फंक्शन्स में जाना बंद कर दिया था। असल में बात है साल 1992 की, उस साल बॉलीवुड की 3 ऐसी फिल्में आयी थी,

Update: 2021-10-31 12:47 GMT

जनता से रिश्ता। ये तो सब जानते हैं कि आमिर खान आज किसी भी अवॉर्ड फंक्शन में नहीं जाते हैं, लेकिन ये बहुत कम लोग जानते होंगे कि आमिर खान ने क्यों इन फंक्शन्स में जाना बंद कर दिया था। असल में बात है साल 1992 की, उस साल बॉलीवुड की 3 ऐसी फिल्में आयी थी, जिनके हीरोज को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिलने की उम्मीद थी और कोई ये नहीं बता पा रहा था कि कौन इस साल का ये अवॉर्ड अपने नाम करने वाला है। पहले थे अनिल कपूर जिन्होंने उस साल फिल्म बेटा की थी, दूसरे थे शहंशाह अमिताभ बच्चन जिनकी फिल्म खुदा गवाह आयी थी और तीसरे थे आमिर खान जिनकी फिल्म जो जीता वही सिकंदर उस साल रिलीज हुई थी

उस साल आमिर को पूरा भरोसा था कि उनकी फिल्म जो जीता वही सिकंदर के लिए उनको बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड उनको मिलेगा, लेकिन हुआ उनकी उम्मीद से उल्टा। फिल्मफेयर ने बेस्ट एक्टर का ये अवॉर्ड अनिल कपूर को उनकी फिल्म बेटा के लिए दे दिया। बस इस बात से आमिर इतने नाराज हुए कि उन्होंने अवॉर्ड फंक्शन्स में न जाने की ठान ली।
उसके बाद भी उनकी फिल्में 'हम हैं राही प्यार के' और 'रंगीला' आईं और दोनों ने ही कमाल कर दिखाया और दर्शकों का भी खूब प्यार मिला। लेकिन फिल्मफेयर से लेकर आईफा तक आमिर को कोई अवॉर्ड नहीं मिला। वहीं उसी दौरान 'बाजीगर' और 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' के लिए शाहरुख को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिल गया।
बस तभी से आमिर खान ने अवॉर्ड समारोहों से किनारा कर लिया और जाना छोड़ दिया। आमिर का तो कहना था कि वो अवॉर्ड्स पर यकीन ही नहीं करते हैं। हालांकि इसी के बाद साल 1996 में फिल्म 'राजा हिंदुस्तानी के लिए' उन्हें बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला। इसके बाद अब तक फिल्मफेयर और नेशनल अवॉर्ड ही नहीं, पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे राष्ट्रीय पुरस्कार तक शामिल हैं और राष्ट्रीय पुरस्कार लेने आमिर जाते भी हैं लेकिन किसी प्राइवेट फंक्शन में शामिल नहीं होते हैं।


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