Mumbai.मुंबई: ''इस फिल्म की कहानी, सभी पात्र और घटनाएं काल्पनिक हैं। इसका किसी व्यक्ति विशेष या स्थान से कोई नाता नहीं हैं। इस फिल्म का उद्देश्य किसी समुदाय या व्यक्ति की भावनाओं का ठेस पहुंचना बिल्कुल भी नहीं है।'' जब सिनेमाघरों में कोई फिल्म देखने जाते हैं कि प्री क्रेडिट सीन में सबसे पहले आपको ब्लैक स्क्रीन पर कुछ ऐसी ही पक्तियां लिखी दिखाई देती हैं, जिसे अंग्रेजी भाषा में Disclaimer और हिंदी में अस्वीकरण कहते हैं।
फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर से डिस्क्लेमर शब्द नेटफ्लिक्स वेब सीरीज आईसी 814- कंधार हाइजैक (IC 814- Kandahar Hijack) को लेकर चर्चा में आ गया है। जिसके डिस्क्लेमर में भारी विवाद के बाद बदलाव किया गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि डिस्क्लेमर शब्द का क्या इतिहास है।
क्यों फिल्म की शुरुआत में आता है डिस्क्लेमर
सबसे पहले हम ये जानने की जरूरत है कि आखिर इस डिस्क्लेमर का अर्थ क्या होता है। इसका मतलब होता है कि फिल्ममेकर्स साफ शब्दों में जिस विषय पर मूवी बना रहे हैं, उसको लेकर वह पहले से तथ्यों को लेकर अपना पक्ष रखते हैं और इसे अपनी जबावदेही नहीं बताते हैं।
ज्यादातर मूवीज को काल्पनिक घटनाओं और पात्रों के आधार पर पेश किया जाता है। बायोपिक और सच्ची घटना से प्रेरित फिल्मों के मामले में निर्माता डिस्क्लेमर सोर्स साक्ष्यों का विवरण देते हैं।
कैसे हुई डिस्क्लेमर की शुरुआत
1932 में अमेरिका के मशहूर प्रोडक्शन हाउस MGM यानी मेट्रो गोल्डमाइन मायर बैनर तले एक फिल्म बनाई जाती है, जिसका नाम रासपुतिन एंड द इम्प्रेस (Rasputin And The Empress) होता है। ये फिल्म रूस के सनकी साधू रासपुतिन के जीवन पर आधारित थी। फिल्म दिखाया गया था कि युसुपोव की पत्नी आइरिन का दुष्कर्म कर देता था।
इस सीन को लेकर युसुपोव ने आपत्ति जताई और फिल्ममेकर्स के खिलाफ कोर्ट में मोर्चा खोल दिया। मामले को लेकर निर्माताओं पर मोटा जुर्माना सजा के तौर पर लगाया गया था। अदालत के एक जज ने उस वक्त MGM को कहा था कि अगर आप अपनी मूवी की शुरुआत में ये लिख देते कि फिल्म में दिखाई गई सामग्री, घटना और चरित्र का कोई सटीक चित्रण नहीं हैं तो शायद आपका केस में दम नजर आता।
इसके बाद से ही मनोरंजन जगत में डिस्क्लेमर का आगाज हुआ और तब से लेकर अब तक हर फिल्म इंडस्ट्री के फिल्ममेकर्स अपनी मूवी की शुरुआत से पहले इसे शामिल रखते हैं।
कौन था रासपुतिन
ग्रिगोई रासपुतिन का इतिहास काफी गहरा है। रूस के इस सनकी साधू बाबा को लेकर अलग-अलग तरह की धारणाएं हैं। कहा जाता है कि रासपुतिन तंत्र विद्या का महारथी था और उसके पास कुछ अजीब सी शक्तियां थीं। वह सूबे के लोगों के लिए मसीहा बन गया था, क्योंकि रासपुतिन उनके सकंट कम करने लगा और उसकी कई भविष्यवाणियां भी सटीक बैठने लगीं।
हैरान करने वाली बात ये थी कि रूस के शाही परिवार के अंतिम राजकुमार युसुपोव ने असल जिंदगी में रासपुतिन को जहर देकर, पिटाई करके और गोली मारकर खत्म करने की कोशिश की। लेकिन फिर भी वो नहीं मरा, बाद में उसे कपड़े में लपेटकर एक नदी में फेंक दिया गया था। माना जाता है कि पानी में डूबने के कारण से उसकी मौत हो गई थी। रासपुतिन पर बनी मूवी के बाद से डिस्क्लेमर शब्द सिनेमा में उत्पत्ति में आया था।