मूवी : मैंने कभी खाने की कद्र नहीं की। रोज 5-स्टार होटल से खाना मंगवाकर दोस्तों को खिलाती थी। जो बच जाता वो डस्टबिन में फेंक देती। उन्हीं कर्मों का फल है कि आज मैं दाने-दाने को मोहताज हूं और सड़कों से सड़ी-गली सब्जियां बीनकर लाती हूं, वो ही पकाकर खाती हूं।" फिल्म एक्ट्रेस तबस्सुम के सामने अपनी इस हालत को बयां करने वाली ये एक्ट्रेस थीं कुक्कू मोरे।
40 से 60 के दशक के बीच बमुश्किल ही कोई ऐसी फिल्म होती थी, जिसमें कुक्कू का डांस ना हो। ये हिंदी सिनेमा की पहली आइटम गर्ल मानी जाती हैं। इनके एक गाने पर डांस की फीस 6000 रुपए होती थी, उस समय इतने पैसे किसी एक्ट्रेस को पूरी फिल्म में काम करने के लिए भी नहीं मिलते थे।
कुक्कू मोरे का जन्म एंग्लो- इंडियन परिवार में 1928 में हुआ था। इनका जन्म कहां हुआ या इनका परिवार कैसा था, इस बात की जानकारी भी हिंदी सिनेमा के इतिहास में कहीं नहीं है। हालांकि अलग-अलग रिपोर्ट्स में इनके कराची या कोलकाता में पैदा होने के दावे किए गए हैं। कई सालों तक लोगों ने यही माना था कि कुक्कू मोरे इनका स्टेज नेम है, हालांकि चंद सालों पहले ही ये कन्फर्म हुआ कि यही उनका असली नाम था।
कुक्कू मोरे ने 1946 में नानूभाई पटेल के निर्देशन में बनी फिल्म अरब का सितारा से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। ये कमाल की डांसर थीं। शरीर में ऐसा लचीलापन था, जो किसी दूसरी डांसर के पास नहीं था। यही कारण था कि ये बतौर डांसर 40-50 के दशक में हर फिल्ममेकर की पहली पसंद रहीं।