ऑस्कर : इस वीडियो में एआर रहमान बता रहे हैं कि उन्होंने अपने म्यूजिक के बारे में ऐसा क्या बदला कि उनका कंपोज किया गाना ऑस्कर तक पहुंच गया। जब एल सुब्रमण्यम ने रहमान से पुछा कि आपने पुराने ढंग से बहुत सारे म्यूजिशियन और और्केस्ट्रा के साथ गाने बनाने के तरीके को कैसे बदला तो रहमान बोले- ये टेक्नोलॉजी की देन थी।
पहले एक फिल्म में सिर्फ 8 ट्रैक हुआ करते थे। क्योंकि मैं जिंगल्स बैकग्राउंड से आता हूं, तो मेरे पास 16 ट्रैक्स थे और मैं इनसे काफी कुछ कर लेता था।
मुझे मेरे सीनियर्स ने ऐक्सपैरिमैंट करने का बहुत स्कोप दिया। हां, हम सभी को जीने के लिए पैसे तो चाहिए ही, लेकिन मेरे अंदर पैशन भी था। मैं जब वेस्ट को गाने बनाते-सुनते देखता था तब मुझे लगता था कि अगर वो ऐक्सपैरिमैंट करने से पीछे नहीं हटते तो हम क्यों इसमें पीछे हैं ? हम उनके गाने सुनते हैं, क्या हमें ऐसा म्यूजिक नहीं बना लेना चाहिए कि वो भी हमारे गाने सुनने लगें ?
ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए भारत की फिल्मों और नॉमिनेशन पर बात करते हुए एआर रहमान ने कहा- कभी-कभी मुझे लगता है कि हमारी कई फिल्में ऑस्कर तक पहुंच सकती हैं। लेकिन, सही फिल्मों क ऑस्कर तक जाने का मौका नहीं मिलता। कौनसी फिल्म ऑस्कर की लिस्ट में जाने लायक है ये तय करने के लिए हमें थर्ड ऑय से फिल्में देखनी होंगी।