VIDEO: पवनदीप के कहने पर सिंगर नेहा कक्कड़ ने चमोली हादसे में शिकार परिवार की 3 लाख की मदद
नेहा कक्कड़ उत्तराखंड के चमोली जिले में हाल ही में जलप्रलय के बाद लापता हुए मजदूर के परिवार को 3 लाख रुपये की मदद की है.
नेहा कक्कड़ उत्तराखंड के चमोली जिले में हाल ही में जलप्रलय के बाद लापता हुए मजदूर के परिवार को 3 लाख रुपये की मदद की है. 'इंडियन आइडल सीजन 12' के सेट पर इस वीकएंड में, दर्शक पहली बार शो के होस्ट हर्ष लिम्बाचिया और भारती सिंह को विशेष एपिसोड 'इंडिया की फरमाईश' में देखेंगे, जिसमें प्रतियोगी प्रशंसकों की फरमाइश पूरी करेंगे.
शो में भाग ले रहे पवनदीप ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से आपदा में प्रभावित मजदूर परिवारों की मदद करने की अपील की है. पवनदीप के प्रदर्शन के बाद, कक्कड़ ने उनसे कहा, "आप एक शानदार गायक हैं, जिसे हम सभी जानते हैं.
लेकिन आप एक शानदार इंसान भी हैं. जैसा कि आप लापता मजदूरों के परिवारों का समर्थन कर रहे हैं, और सभी से उनके परिवारों की मदद करने का आग्रह किया है. इस मिशन में आपके साथ हूं, मैं उत्तराखंड में हमारे लापता मजदूर के परिवार को तीन लाख रुपये दान करना चाहती हूं. मैं सभी से समर्थन में आने और परिवारों की मदद करने का आग्रह करती हूं.
लेखक संतोष आनंद को दिए थे 5 लाख
एक प्यार का नगमा है….जैसे सुपरहिट गीत लिखने वाले संतोष आनंद की कहानी सुनने के बाद जज नेहा कक्कड़ की आंखें नम हो गईं. वो किसी भी तरह से उनकी मदद करना चाहती थीं. इसलिए अपनी तरफ से नेहा ने उन्हें 5 लाख का धनादेश दिया. इतना ही नहीं नेहा ने नेशनल टीवी पर इंडियन आइडल के माध्यम से पूरी इंडस्ट्री को ये रिक्वेस्ट भी की, कि वो संतोष जी को कुछ काम दें. सिर्फ नेहा ही नहीं विशाल डडलानी ने भी संतोष जी से अपने कुछ गाने उनके साथ साझा करने के लिए कहा और उन्हें आश्वस्त किया कि वे उन्हें रिलीज करेंगे. नेहा ने संतोष के लिए मंच पर "एक प्यार का नगमा' गीत भी गाया.
यहां देखिए संतोष आनंद का आंखें नम कर देने वाला वीडियो
कौन हैं संतोष आनंद
संतोष आनंद गुजरे जमाने के मशहूर गीतकार है. 81 साल के संतोष आनंद के पास कोई काम नहीं है. उनके बेटे संकल्प ने 2014 में सुसाइड कर लिया था. वे खुद अब शारीरिक रूप से लाचार हैं. शादी के दस साल बाद संतोष को एक बेटा हुआ जिसका नाम उन्होंने संकल्प रखा था. संकल्प, गृह मंत्रालय में IAS अधिकारियों को सोशियोलॉजी और क्रिमिनोलाॅजी पढ़ाते थे. 15 अक्टूबर 2014 को पत्नी के साथ दिल्ली से मथुरा पहुंचने के बाद दोनों ने कोसीकलां कस्बे के पास रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी थी.