मूवी : छोटे शहर की कहानियों के जरिए निर्देशक और सह-लेखक लक्ष्मण उतेकर युवाओं की इच्छाओं, आकांक्षाओं, महत्वाकांक्षाओं और उनकी सोच को दर्शाते आए हैं। फिल्म लुकाछुपी और मिमी के बाद वह एक बार फिर रोमांटिक कामेडी फिल्म जरा हटके जरा बचके में छोटे शहर की कहानी लेकर आए हैं। सिनेमाघरों में रिलीज हुई इस फिल्म का मुद्दा घर से अलग होकर अपना आशियाना बनाने को लेकर है। कहानी इंदौर में सेट है। योग प्रशिक्षक कपिल दुबे (विक्की कौशल) और सौम्या चावला दुबे (सारा अली खान) ने प्रेम विवाह किया है। सास-ससुर के साथ सौम्या के अच्छे संबंध पर हैं। कपिल के घर पर मामा (नीरज सूद), मामी (कनुप्रिया पंडित) और उनका बेटा ठहरे हुए हैं। कपिल और सौम्या ने उन्हें अपना कमरा दे रखा है। मुसीबत की जड़ मामा-मामी ही हैं, जो वापस जाने का नाम ही नहीं ले रहे। छोटा घर और प्राइवेसी न होने की वजह से सौम्या अपना घर लेने के लिए कपिल पर दबाव बनाती है। अव्वल दर्जे का कंजूस कपिल उसकी बात मान लेता है। रियल एस्टेट एजेंट से मिलने के बाद उन्हें समझ आता है कि घर खरीदना महंगा सौदा है। उसी दौरान सौम्या को सरकार की जन आवास योजना का पता चलता है, जिसमें कम मूल्य पर गरीबों और जरूरतमंदों को पक्का घर दिया जाता है। पर उसके लिए कुछ शर्तें होती है।और सौम्या चावला दुबे (सारा अली खान) ने प्रेम विवाह किया है। सास-ससुर के साथ सौम्या के अच्छे संबंध पर हैं। कपिल के घर पर मामा (नीरज सूद), मामी (कनुप्रिया पंडित) और उनका बेटा ठहरे हुए हैं। कपिल और सौम्या ने उन्हें अपना कमरा दे रखा है। मुसीबत की जड़ मामा-मामी ही हैं, जो वापस जाने का नाम ही नहीं ले रहे। छोटा घर और प्राइवेसी न होने की वजह से सौम्या अपना घर लेने के लिए कपिल पर दबाव बनाती है। अव्वल दर्जे का कंजूस कपिल उसकी बात मान लेता है। रियल एस्टेट एजेंट से मिलने के बाद उन्हें समझ आता है कि घर खरीदना महंगा सौदा है। उसी दौरान सौम्या को सरकार की जन आवास योजना का पता चलता है, जिसमें कम मूल्य पर गरीबों और जरूरतमंदों को पक्का घर दिया जाता है। पर उसके लिए कुछ शर्तें होती है।