नई दिल्ली: नेपाल के काठमांडू और पोखरा में 'आदिपुरुष' के डायलॉग पर छिड़े विवाद के बाद भारतीय फिल्मों को बैन कर दिया गया है। अब 'आदिपुरुष' के मेकर्स ने फिल्म में 'जानकी भारत की बेटी है' वाले डायलॉग पर निराशा व्यक्त करने के एक दिन बाद काठमांडू के मेयर से माफी मांगी है और दावा किया है कि सीता का जन्म नेपाल में हुआ था। माफी मांगते हुए निर्माताओं ने उनसे नेपाल की राजधानी में हिंदी फिल्मों पर लगे प्रतिबंध को हटाने का अनुरोध किया और ये भी बताया कि संवाद में गलती को सुधार लिया गया है। टी-सीरीज़ की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यह 'यह कभी भी जानबूझकर किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं था। ' निर्माताओं ने कहा कि दुनिया भर में महिलाओं का सम्मान उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा है कि, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि फिल्म को उसके कलात्मक रूप में देखें और हमारे दर्शकों तक फिल्म की पहुंच को सुनिश्चित करें।
सर बोर्ड पर सवाल उठाया, कहा- 'आदिपुरुष' पर प्रतिबंध लगाएं
महाराष्ट्र कांग्रेस ने सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाते हुए सोमवार को हिंदू धार्मिक मूर्तियों का अपमान करने के लिए बॉलीवुड फिल्म 'आदिपुरुष' पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। प्रदेश पार्टी अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पिछले सप्ताह के अंत में रिलीज हुई इस फिल्म में भगवान राम और भगवान हनुमान का 'अपमान' किया गया है और विभिन्न राज्यों में इसे लेकर नाराजगी है।
पटोले ने कहा, भारतीय जनता पार्टी हमेशा चिल्लाती रहती है कि वह हिंदुत्ववादी सरकार है, लेकिन जब बात भगवान राम और हनुमान पर अपशब्दों वाली फिल्म की आती है, तो वह चुप रहती है। उन्होंने कहा कि श्री हनुमान के चरित्र को 'अपमानजनक संवाद' दिए गए हैं और 500 करोड़ रुपये के बजट की फिल्म बनाने के नाम पर उन्होंने एक कार्टून फिल्म बनाई है। पटोले ने कहा, इस फिल्म को पहली बार में कैसे मंजूरी मिली? क्या केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड उस समय सो रहा था? हम मांग करते हैं कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए और फिल्म निर्माताओं को भगवान राम और श्री हनुमान के अपमान के लिए भारत के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
महाकाव्य 'रामायण' पर आधारित इस फिल्म का महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और अन्य राज्यों सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।