कल मौनी अमावस्या पर करें मां लक्ष्मी की चालीसा का पाठ, होगा धन लाभ
माघ माह की अमावस्या तिथि को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मौन रहकर गंगा स्नान का विधान है। इसलिए ही इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है।
माघ माह की अमावस्या तिथि को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मौन रहकर गंगा स्नान का विधान है। इसलिए ही इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। मान्यता है ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट और संताप दूर होते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम तट पर कल्पवासी, ऋषि-मुनी गण और श्रद्धालू लाखों की संख्या में स्नान करते हैं। ये माघ माह के सबसे प्रमुख स्नानों में से एक है। पंचांग गणना के अनुसार इस साल मौनी अमावस्या का स्नान 1 फरवरी,दिन मंगलवार को है। इसके साथ ही अमावस्या तिथि पर श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि अमावस्या तिथि के दिन पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी का वास होता है। मौनी अमावस्या के दिन सांय काल में पीपल के पेड़ के पर तिल और जल चढ़ाना चाहिए। सरसों के तेल का दिया जला कर मां लक्ष्मी की चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने मां लक्ष्मी जरूर प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
श्री लक्ष्मी चालीसा -
दोहा
मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास।
मनोकामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस॥
सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार।
ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नत शिर बारंबार॥ टेक॥
सोरठा
यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करूं।
सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥
॥ चौपाई ॥
सिन्धु सुता मैं सुमिरौं तोही। ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोहि॥