ऐसे बनी अभिनेत्री नीतू सिंह से नीतू कपूर
बचपन में ही पारिवारिक कारणों से नीतू सिंह ने मुम्बई का रुख़ अपना लिया जहाँ इनकी पढ़ाई-लिखाई हुयी पेडर रोड स्थित हिल ग्रांन्ज हाई स्कूल में। नीतू सिंह के बारे में ये क़िस्सा काफी मशहूर है कि एक बड़े प्रोड्यूसर को किसी चाइल्ड आर्टिस्ट की ज़रूरत थी, जिसका क़िरदार काफी अच्छा था।
जनता से रिश्ता। बचपन में ही पारिवारिक कारणों से नीतू सिंह ने मुम्बई का रुख़ अपना लिया जहाँ इनकी पढ़ाई-लिखाई हुयी पेडर रोड स्थित हिल ग्रांन्ज हाई स्कूल में। नीतू सिंह के बारे में ये क़िस्सा काफी मशहूर है कि एक बड़े प्रोड्यूसर को किसी चाइल्ड आर्टिस्ट की ज़रूरत थी, जिसका क़िरदार काफी अच्छा था।
जब नन्हीं नीतू सिंह की माँ इन्हें ऑडीशन के लिए ले गयीं तो कमरे में घुसते ही दुधमुही नीतू सिंह ने डायरेक्टर को देखकर कहा था- कि "अंकल ये क्या तरीक़ा हुआ बैठने का। पाँव ऊपर करके बैठे हो, शर्ट की बटन भी ख़ुली है, तुम्हारी मम्मी तुम्हें डाँटती नहीं है क्या?" डायरेक्टर ने नीतू की बात मानी अपने पाँव नीचे किये, शर्ट की बटन भी बंद की और बोले कि "बाक़ी के सारे ऑडीशन कैंसिल कर दो, मुझे बस यही बच्ची चाहिए।" ..और इस तरह से नन्हीं नीतू सिंह की बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फ़िल्मों में शुरुआत हो गयी।
बचपन में ही इन्होंने अपने अभिनय से आग लगा दी थी। फ़िल्म दो कलियाँ में नीतू सिंह का अभिनय देखते ही बनता है, जिसमें इन्होंने डबल रोल निभाया था। इसके बाद साल 1772 आया, जब इनका ऑडीशन हुआ फ़िल्म रिक्शावाला के लिए। इस फ़िल्म में ये रणधीर कपूर की हिरोइन बनीं। आगे जाकर फ़िल्म क़समें-वादे में ये एक बार फिर से रणधीर कपूर के साथ दिखीं। इस फ़िल्म में अमिताभ बच्चन भी थे।
सबकुछ ठीक चल ही रहा था, तभी नीतू सिंह की लाइफ़ में एक नया मोड़ आया। ये ऋषि कपूर की पत्नी बन गयीं, जिनके साथ इन्होंने कुल 11 फ़िल्मों में साथ काम किया। शादी के बाद भी नीतू सिंह ने अपना फ़िल्मी सफ़र जारी रखा और एक से बढ़कर एक फ़िल्मों का ये हिस्सा बनती रहीं। आपको बता दें कि नीतू सिंह की फ़िल्मों की फेहरिस्त में एक से एक ज़बरदस्त सुपहिट फ़िल्में हैं।