इस कॉमेडियन को अपनी रिस्ट वॉच उतार कर गिफ्ट कर दी थी पं. जवाहर लाल नेहरू ने

आठ जुलाई 2020 को उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली.

Update: 2022-06-24 03:59 GMT

आज जब ऐक्टर गिनती की फिल्में करते हैं, सोचिए कि इस ऐक्टर ने कैसे 400 फिल्मों में काम किया होगा. फिल्म प्रेमी उन्हें सूरमा भोपाली के रूप में याद करते हैं. उनका नाम था, जगदीप. सिनेमा के इतिहास में जगदीप का नाम जॉनी वॉकर और महमूद जैसे बेहतरीन कॉमेडी ऐक्टरों में शुमार किया जाता है. उनका असली नाम था, सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी. इन दिनों फिल्मों में दिखने वाले जावेद जाफरी उन्हीं के बेटे हैं.

उर्दू का डायलॉग
जगदीप के पिता धनवान थे और घर में कोई कमी नहीं थी. लेकिन देश विभाजन और पिता की मौत ने उनके परिवार का सबकुछ छीन लिया. उनकी मां उन्हें एक अनाथालय में खाना बना कर पालने-पोसने लगी. जगदीप तब छह या सात साल के थे, जब वह फिल्म में एक्स्ट्रा का काम करने के लिए डायरेक्टर बी.आर. चोपड़ा की डेब्यू फिल्म अफसाना के सैट पर पहुंच गए. डायरेक्टर को ऐसा लड़का चाहिए था, जो कठिन उर्दू में एक डायलॉग बोल सके. जगदीप ने डायलॉग बोल दिया और उन्हें तीन की जगह छह रुपये मिले. इसके बाद फिल्मों में उन्हें छोटे-बड़े रोल मिलते गए. के.ए. अब्बास की मुन्ना, गुरुदत्त की आर पार और बिमल रॉय की दो बीघा जमीन में आप उन्हें देख सकते हैं.
धीरे-धीरे जगदीप को बड़े रोल मिलने लगे और फिल्म भाभी (1957) से पहचान मिली. लेकिन उसी साल दूसरा कमाल हुआ. साउथ के बैनर एवीएम की फिल्म हम पंछी एक डाल के भी रिलीज हुई. बच्चों की इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. मद्रास में फिल्म के शो के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू जगदीप के अभिनय से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने हाथ में पहनी घड़ी उतार कर उन्हें इनाम में दे दी.
बने कॉमेडियन
अलग-अलग किरदार करने वाले जगदीप के करिअर का टर्निंग पॉइंट आया 1968 में. जब शम्मी कपूर स्टारर ब्रह्मचारी ने उन्हें कॉमेडियन के तौर पर जमा दिया और फिर अंत तक उनकी यही पहचान बनी रही. 1975 में फिल्म शोले की आसमान छूती कामयाबी के बाद सबकी जुबान पर उनका नाम चढ़ गया, सूरमा भोपाली. लोग उन्हें देख कर इसी नाम से बुलाने लगे. जगदीप कॉमेडी में टाइप कास्ट हो गए. उन्होंने सूरमा भोपाली नाम से फिल्म भी बनाई और अपनी बेहतरीन अदाओं से लोगों को खूब हंसाया. हालांकि उन्होंने अलग-अलग भूमिकाओं की तलाश जारी रखी. उन्होंने गुजराती, पंजाबी, मारवाड़ी और भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया. रामसे ब्रदर्स की चर्चित हॉरर फिल्म पुराना मंदिर में भी आप जगदीप को देख सकते हैं. आठ जुलाई 2020 को उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली.

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