Emotional कर देंगी टीचर और स्टूडेंट के रिश्तों पर बनी ये फिल्में

Update: 2024-09-05 09:17 GMT

Mumbai.मुंबई: बॉलीवुड में शिक्षा पर आधारित फिल्में समय-समय पर देखने को मिलती रही हैं जो शिक्षा के असल अर्थ को समझाती हैं. ये फिल्में गुरु-शिष्य की महत्ता को उजागर करती हैं और दोनों के बीच विश्वास, सम्मान, और सीखने के आदान-प्रदान को खूबसूरती से पेश करती हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में जो शिक्षक और छात्र के रिश्ते को बेहतरीन ढंग से दर्शाती हैं.

तारे ज़मीन पर (2007)
यह फिल्म एक शिक्षक और एक विशेष बच्चे के बीच के
अद्वितीय
रिश्ते को दर्शाती है. फिल्म में ईशान नामक बच्चा पढ़ाई में कमजोर है और डिस्लेक्सिया से पीड़ित है. उसकी मुलाकात एक कला शिक्षक राम शंकर निकुंभ (आमिर खान) से होती है, जो उसकी समस्या को समझता है और उसे आत्मविश्वास के साथ जीने का तरीका सिखाता है.
सुपर 30 (2019)
टीचर स्टूडेंट रिलेशन पर 12 जुलाई 2019 को विकास बहल फिल्म ‘सुपर 30’ लेकर आए थे. फिल्म में आनंद कुमार की बायोग्राफी थी और इसमें ऋतिक रोशन ने टीचर की भूमिका निभाई थी. फिल्म में बखूबी शिक्षा का महत्व दिखाया गया था. साथ ही बताया गया था कि मेहनत के दम पर प्रतिभा को कहीं से भी निखारा जा सकता है.
हिचकी (2018)
यह फिल्‍म दर्शकों को हिचकी समस्‍या के बारे में तो बताती ही है, साथ ही शिक्षा के गैर परंपरागत तरीकों के बारे में भी जानकारी देती है. कहानी नैना माथुर की है जो पेशे से शिक्षक है लेकिन हिचकी की समस्‍या के चलते उसे नौकरी मिलने में परेशानी आती है. लेकिन नैना इस समस्‍या को अपने पेशे में रुकावट नहीं बनने देती. वह अपने छात्रों को पढ़ाने के अलग तरीके अपनाती है. अच्‍छी बात यह है कि ये तरीके उसके छात्रों को अनुशासन और शिक्षा का पाठ पढ़ाने में सफल होते हैं. फिल्‍म में टीचर की भूमिका रानी मुखर्जी ने निभाई है.
इकबाल (2005)
यह एक गूंगे-बहरे बच्‍चे इकबाल की कहानी है जो गांव में रहता है. यह भूमिका श्रेयस तलपड़े ने निभाई है. इकबाल भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने के सपने देखता है और इसमें उसकी मदद करते हैं कोच मोहित. मोहित की भूमिका नसीरूद्दीन शाह ने निभाई है. इकबाल कैसे सभी मुश्किलों को पार करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम तक पहुंचता है और इसमें कोच उसकी कैसे मदद करता है, पूरी फिल्‍म इसी पर केंद्रित है.
चॉक एन डस्‍टर (2016)
जूही चावला और शबाना आजमी की मुख्‍य भूमिकाओं वाली यह फिल्‍म प्राइवेट सेक्‍टर में शिक्षा की समस्‍याओं पर आधारित है. यह दो शिक्षकों की कहानी है. विद्या (शबाना आजमी) और ज्‍योति (जूही चावला) अपने पेशे से बेहद प्‍यार करती हैं. समस्‍या तब होती है जब स्‍कूल में नई प्रिंसिपल कामिनी (दिव्‍या दत्‍ता) आती है. कामिनी का रवैया तानाशाही है. वह शिक्षकों के बीच भेदभाव करती है, उन्‍हें प्रताडि़त करती है और बेवजह नौकरी से निकाल देती है. फिल्‍म में दिखाया गया है कि कैसे प्रिंसिपल के नापाक इरादों से शिक्षक स्‍कूल को बचाते हैं.
ब्‍लैक (2005)
यह फिल्‍म हेलेन केलर के जीवन के संघर्षों पर आधारित बताई जाती है. फिल्‍म में रानी मुखर्जी एक मूक-बधिर बच्‍ची मिशेल की भूमिका में हैं जो आंखों से देख भी नहीं सकती. फिल्‍म में उनके शिक्षक देवराज सहाय की भूमिका में अमिताभ बच्‍चन हैं जो आगे चलकर अल्‍जाइमर के मरीज हो जाते हैं. मिशेल के परिवार वाले शुरुआत में सहाय के टीचिंग के कठोर तरीकों को पसंद नहीं करते, लेकिन मिशेल अंतत: इसी की मदद से ग्रेजुएट हो जाती है.
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