लता मंगेशकर की बचपन की ये तस्वीरें उनके सफर की कहानी बयां करती हैं

28 दिसंबर 1929 को इंदौर के एक मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर (Deendayal Mangeshkar) के घर में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का जन्म हुआ था.

Update: 2022-02-06 04:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 28 दिसंबर 1929 को इंदौर के एक मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर (Deendayal Mangeshkar) के घर में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का जन्म हुआ था.


सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने जो नाम आज फिल्मों में एक सिंगर के तौर पर कमाया है, वो हर किसी के बस की बात नहीं है. लता जी ने सात दशक से भी ज्यादा समय तक फिल्मों में गुजारे हैं और हजारों गाने भी गाए. बताया जाता है कि बहुत ही छोटी सी उम्र में ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया था.


लता जी का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर में हुआ था. वो अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं. उनसे छोटी बहन हैं मीना, आशा और उषा. इनके अलावा उनका एक भाई भी है जिनका नाम ह्रदयनाथ मंगेशकर है.


लता मंगेशकर जी का जन्म के वक्त हेमा मंगेशकर नाम रखा गया था लेकिन 5 साल की उम्र होने के बाद उनका नाम उनके पिता ने बदलकर लता रख दिया था जिसके बाद उन्हें लता मंगेशकर के नाम से ही जाना जाने लगा.


लता मंगेशकर जी ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता पंडित दीनदयाल मंगेशकर से ही ली. उस वक्त वो महज 5 साल की थीं. लेकिन 13 साल की उम्र में लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनदयाल जी का निधन हो गया, जिससे इनका पूरा परिवार टूट गया. ऐसे में लता मंगेशकर जी ने ही घर की पूरी जिम्मेदारी संभाली.


दरअसल, ये वो समय था जब लता मंगेशकर छोटी थीं और वो बात-बात पर गुस्सा हो जाया करती थीं और अटैची में कपड़े डालकर घर से बाहर निकल जाती थीं. हर बार उन्हें उनके घर वाले वापस बुला लेते थे. एक बार उन्होंने किसी बात से नाराज होकर फिर से ऐसा ही किया लेकिन इस बार उन्हें किसी ने भी आवाज नहीं लगाई और न ही उन्हें कोई जाने से रोकने के लिए ही आया.


लता मंगेशकर काफी देर बाहर ही बैठी रहीं. कुछ समय के बाद उन्हें खुद ही अपनी गलती का अहसास हो गया और उसी वक्त उन्होंने ये अपने मन में ठान लिया कि वो फिर कभी भी इस तरह की हरकत नहीं करेंगी.


एक और बात है जो कि लता जी के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है कि उनके पिता एक बड़े पंडित और ज्योतिष भी थे जिन्होंने ये भविष्यवाणी की थी कि 'बेटी तू आगे चलकर इतना नाम कमाएगी कि जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी लेकिन ये सब देखने के लिए मैं जिंदा नहीं रहूंगा. पूरे परिवार की जिम्मेदारी तुझ पर ही होगी.'


नन्ही सी लता को उस वक्त अपने पिता की बातें तो समझ नहीं आईं कि वो अब बहुत जल्द ही चले जाने वाले हैं. कुछ दिनों के बाद ठीक वैसा ही हुआ. दीनानाथ मंगेशकर का स्वर्गवास हो गया और पूरी जिम्मेदारी लता मंगेशकर के ही कंधों पर आ गई.


लता मंगेशकर का नाम आज कौन नहीं जानता? पूरी दुनिया में उनके जैसा कोई दूसरा सिंगर नहीं है जिन्होंने 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हों. उन्हें मां सरस्वती की संज्ञा ऐसे ही नहीं दी गई है. क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी उन्हें अपनी मां मानते हैं.


आज लता मंगेशकर कोरोना से संक्रमित हैं और साथ में उन्हें निमोनिया भी हो गया है. वो इन दिनों मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हैं. उन्हें हर दिन डॉक्टर्स देख रहे हैं. लेकिन उन्हें सभी लोगों की दुआओं की इस वक्त बहुत ही ज्यादा जरूरत है ताकि वो सुरक्षित अपने घर लौट सकें.


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