भावनाओं में बहे ये 2 एक्टर! विजय ने 100 परिवारों को दिए 1-1 लाख रुपए, नाना ने बताई मौत की सच्चाई
1-1 लाख रुपए, नाना ने बताई मौत की सच्चाई
साउथ इंडियन एक्टर विजय देवरकोंडा काफी पॉपुलर हैं। उन्हें चाहने वाले समय-समय पर अलग-अलग तरह से प्यार का इजहार करते रहते हैं। वैसे भी साउथ इंडियन फैंस की दीवानगी सभी सीमाओं से परे होती है। अब विजय ने भी अपने प्रशंसकों को ऐसा यादगार तोहफा दिया है, जिसे वे जिंदगीभर नहीं भूलेंगे। दरअसल विजय और एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु की पिछले दिनों रिलीज हुई फिल्म ‘कुशी’ सुपरहिट हो गई है।
विजय ने हैदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में फिल्म को सफल बनाने वाले फैंस के साथ खुशी शेयर की। ‘कुशी’ की खुशियां बांटने के लिए चुने गए 100 परिवारों को विजय ने 1-1 लाख रुपए का चेक दिया। चेक पाने वालों ने खुशी के मारे विजय को गले लगा लिया। इस मौके पर फिल्म के डायरेक्टर शिवा निर्वाण और प्रोड्यूसर नवीन येरनेनी व के वाई रविशंकर भी मौजूद थे। यरनेनी ने कहा कि फिल्म 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के कलेक्शन के साथ सुपरहिट हो गई है। मुझे खुशी है कि विजय ने 100 लोगों की मदद करने की कोशिश और मुहिम हमारी फिल्म से शुरू की। यह सभी को प्रोत्साहित करने वाला कदम है।
विजय देवरकोंडा ने कहा कि जो दर्शक मुझे इतना प्यार दे रहे हैं, उनके लिए कई अच्छे प्रोग्राम करना चाहता हूं क्योंकि मैंने भी एक बार सोचा था कि अगर कोई हमारी ऐसे ही मदद कर दे तो कितना अच्छा होगा। जब मैं पढ़ाई कर रहा था तो मेरे सभी दोस्त छुट्टियों पर जाते थे, मैं घर पर ही रहता था क्योंकि मैं पैसे मांगकर अपने माता-पिता को परेशान नहीं करना चाहता था।
तब मैं सोचता था कि मेरे दोस्त किस तरह छुट्टियों का मजा ले रहे होंगे। मेरे भाई की इंजीनियरिंग की फीस के लिए संघर्ष करते समय अगर ऐसी किसी जरूरत पर कोई कुछ पैसे दे दे तो अच्छा होगा। उन सभी मुसीबतों को पार करके मैंने यह सफर तय किया है। इस कार्यक्रम की घोषणा के बाद से अब तक 50 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। हम इसे सिर्फ 100 लोगों के लिए ही कर सकते हैं।
नाना पाटेकर के मां-बाप और 6 भाई-बहन हो चुके हैं खत्म, खुद के लिए जमा कीं 12 मन लकड़ियां
वेटरन एक्टर नाना पाटेकर (72) बॉलीवुड में अब तक कई भूमिकाओं को शानदार अंदाज में अंजाम दे चुके हैं। अब वे जल्द ही फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ में नजर आएंगे। इस दौरान नाना ने एक इंटरव्यू में अपने जीवन और मृत्यु को लेकर खुलकर बात की। नाना ने कहा कि मैं सादी जिंदगी जीता हूं और उसूलों पर चलता हूं। मुझमें कोई भी बनावटीपन नहीं आया है और मैं आज भी जड़ों से जुड़ा हुआ हूं।
मुझे जिंदगी की हकीकत समझ आती है इसलिए मैं किसी गलतफहमी में नहीं रहता क्योंकि मुझे मृत्यु पर भरोसा है। मुझे 12 मन लकड़ी लगने वाली है और यही मेरी फाइनल प्रॉपर्टी है। इसके साथ मैं दुनिया से चला जाऊंगा। मैंने लकड़ियां इकट्ठी कर रखी हैं। वे सूखी हैं और उसी में मुझे जलना है। मुझे जलाते वक्त गीली लकड़ी का इस्तेमाल मत करना...वरना धुआं होगा और धुएं से जो दोस्त वहां जमा होंगे उनकी आंखें नम हो जाएगी।
आंखों में पानी आएगा तो लोगों को ऐसे वक्त में गलतफहमी होगी। लोग सोचेंगे कि वे मेरे लिए रो रहे हैं। आप मर जाओगे तो आपको 2-4 दिन बाद कोई याद नहीं करेगा। मैंने तो ये कह दिया कि मेरी तस्वीर भी मत लगाना, पूरी तरह भूल जाओ वह बहुत जरूरी है। हम 7 भाई-बहन थे। एक-एक करके सब दुनिया को अलविदा कह गए। मां-बाप भाई-बहन अब कोई भी इस दुनिया में नहीं है। वे सभी एक साथ दूसरी दुनिया में हैं।