ईरान की सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच अफगानिस्तान की सीमा पर जोरदार गोलाबारी हुई, हालात तनावपूर्ण
अभी तक तालिबान की अफगानिस्तान में सरकार को मान्यता नहीं दी है। दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद बना हुआ है।
ईरान की सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच अफगानिस्तान की सीमा के पास एक बार फिर से जोरदार गोलाबारी हुई है। अफगान सीमा पर तालिबानी आतंकियों के साथ झड़प में ईरानी सेना ने तोपों का इस्तेमाल किया। इस हमले में एक तालिबानी सैनिक मारा गया है और एक अन्य घायल हो गया है। तालिबान का दावा है कि ईरानी सेना ने इस संघर्ष को सबसे पहले शुरू किया। उन्होंने बताया कि यह खूनी झड़प अफगानिस्तान के निमरोज प्रांत के कोंग जिले में हुई है।
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निमरोज में सीमा पर तालिबानी कमांडर मावलावी मोहम्मद इब्राहिम हेवाद ने इस बात की पुष्टि की है कि एक तालिबानी सैनिक की मौत हो गई है और एक अन्य घायल हो गया है। इस बीच ईरान की आधिकारिक न्यूज एजेंसी इरना ने किसी ईरानी सैनिक के मारे जाने की अभी पुष्टि नहीं की है। ईरानी एजेंसी ने दावा किया है कि इस लड़ाई को तालिबानी सैनिकों ने शुरू किया था। इरना और ईरान की अर्द्ध सरकारी न्यूज एजेंसी तासनिम ने कहा कि यह जंग तब शुरू हुई जब तालिबानी सैनिक ईरान के हिरमंड इलाके में घुस आए जो सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के अंदर है।
ईरानी सेना ने सीमा पर गोले बरसाया
ईरान ने दावा किया कि तालिबानी सैनिकों ने हिरमंड इलाके में अपना झंडा फहराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि एक दीवार को बनाया गया था ताकि तस्करों को घुसने से रोका जा सके जिसे तालिबानी सैनिकों ने गलती से सीमा रेखा बनाने की दीवार समझ लिया जबकि ऐसा था नहीं। न्यूज एजेंसी ने बताया कि ईरानी सीमा अधिकारियों ने उन्हें पिछले कुछ महीने से यह समझाने की कोशिश की थी।
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में नजर आ रहा है कि ईरानी सेना सीमा पर गोले बरसा रही है। इसी तरह की घटना अगस्त 2021 में भी हुई थी। पहली बार दुनिया के सामने आई झड़प को दोनों ही पक्षों ने 'गलतफहमी' करार दिया था। ईरान समेत दुनिया के किसी भी देश ने अभी तक तालिबान की अफगानिस्तान में सरकार को मान्यता नहीं दी है। दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद बना हुआ है।