फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, बर्थडे के दिन संजय लीला भंसाली को मिली अच्छी खबर
रिलीज पर नहीं लगेगी रोक.
नई दिल्ली: 25 फरवरी को रिलीज होने जा रही आलिया भट्ट की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट से डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को राहत मिली है. फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जिसका मतलब आलिया की ये फिल्म अपने तय शेड्यूल पर रिलीज होगी. रियल गंगूबाई के परिवार ने इस फिल्म पर सवाल उठाए थे.
अपने बर्थडे के दिन डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के लिए इससे अच्छी कोई और ट्रीट नहीं हो सकती. उनकी फिल्म पर फंसा पेच आखिरकार सुलझ जो गया है. फैंस ने भी चैन की सांस ली है. वे अब बड़े मजे के साथ आलिया की फिल्म को शुक्रवार के दिन थियेटर्स में एंजॉय कर पाएंगे.
गंगूबाई काठियावाड़ी टाइटल पर आपत्ति जताई गई थी. इसे बदलने की मांग की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए निर्माता ने कहा कि आखिरी मौके पर फिल्म का टाइटल बदलना संभव नहीं है. केस दायर करने वाले के पास गंगूबाई का गोद लिया हुआ बेटा होने का कोई सबूत नहीं है. 2011 में छपी किताब पर इतने सालों तक तो कोई चुनौती नहीं दी. हमारी फिल्म में गंगूबाई का अपमान नहीं किया गया है.
भंसाली प्रोडक्शन के वकील अर्यमा सुंदरम ने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने अभी तक फिल्म भी नहीं देखी है. इसमें गंगूबाई की छवि और चरित्र का कोई अपमान या हनन नहीं किया गया है. बल्कि यह फिल्म तो एक महिला के उत्थान की कहानी है. ऐसा कोई तथ्य याचिकाकर्ता के पास नहीं है, जिससे यह कहा जा सके कि फिल्म गंगूबाई के चरित्र का अपमान करती है. यह याचिका खारिज की जानी चाहिए.
मुकुल रोहतगी ने कहा कि शुक्रवार को ये फिल्म पूरी दुनिया में रिलीज होनी है. कई ऐसे थर्ड पार्टी के अधिकार इससे जुड़े हैं. उनके अधिकार दस करोड़ रुपये से ज्यादा के हैं, जिनमें प्रोड्यूसर, एंकर, प्रदर्शक यानी थिएटर वाले शामिल हैं. ये चेन रिएक्शन की तरह एक दूसरे से संबंधित हैं. जाहिर है कि ऐसे में कोई भी प्रतिकूल आदेश इन पर सीधा असर डालेगा. देश विदेश के हजारों थिएटर में ये फिल्म एकसाथ रिलीज होगी. अदालत ये भी ध्यान रखे कि रिलीज रोकने से प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, लेखक, डिस्ट्रीब्यूटर, थिएटर, दर्शक सहित कितनों पर कितना असर पड़ेगा.
जस्टिस जेके माहेश्वरी ने कहा कि आपकी दलील का मुख्य आधार ये दावा है कि आप गंगूबाई काठियावाड़ी के दत्तक पुत्र हैं. इस पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि आपको बताना होगा कि किस विधि से आपको उन्होंने पुत्र के तौर पर दत्तक बनाते हुए गोद लिया था? आपने अब तक कहीं पर भी इसकी कोई जानकारी नहीं दी है कि आपको ये अधिकार कैसे मिला?