झकझोरकर रख देगी IC 814- The Kandahar Hijack की कहानी

Update: 2024-09-02 11:24 GMT
 Mumbai.मुंबई:  भारत के इतिहास में बहुत सी ऐसी बुरी यादें रही हैं, जिसमें से कुछ के बारे में सभी जानते हैं और बहुत सी घटनाओं के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे। ऐसे में अब नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई लेटेस्ट सीरीज ‘आईसी 814- द कंधार हाईजैक’ (IC 814- The Kandahar Hijack) में भारतीय इतिहास की एक ऐसी घटना से रूबरू कराया गया है, जिसकी कहानी से आप रूबरू तो होंगे मगर इसका अनुभव अब कर सकेंगे। उस समय की स्थिति को करीब से देख पाएंगे, जो कि आपको अंदर तक झकझोरकर रख देती है। इसमें अहम रोल में विजय वर्मा, दीया मिर्जा, पंकज कपूर और नसीरुद्दीन शाह हैं। ऐसे में चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं…
सच्ची घटना पर आधारित है ‘आईसी 814’ की कहानी
वेब सीरीज ‘आईसी 814- द कंधार हाईजैक’ की कहानी सच्ची घटना से प्रेरित है। इसमें 25 साल पुरानी 1999 के हाइजैक की कहानी को दिखाया गया है। इसमें प्लेन आईसी 814 काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरता है लेकिन, उसे दिल्ली पहुंचने में 7 दिन का वक्त लग जाता है। प्लेन में करीब 175 लोग सवार होते हैं और आतंकी अपने मंसूबे को अंजाम देने के लिए इस प्लेन को हाइजैक कर लेते हैं। 25000 हजार फीट पर उड़ रहे प्लेन में 175 लोगों की जान फंसी होती है। फिल्म की कहानी के साथ ऐसी-ऐसी परिस्थिति देखने के लिए मिलती है, जो आपको अंदर तक
झकझोरकर
रख देती है। ये फ्लाइट नेपाल के काठमांडू से उड़ान भरती है, हाइजैक होती है फिर दिल्ली की बजाय अमृतसर, लाहौर, दुबई और फिर कंधार ले जाई जाती है। सात दिन का ये हवाई सफर काफी डरावना होता है।
आपको बता दें कि वेब सीरीज ‘आईसी 814- द कंधार हाईजैक’ की कहानी ‘फ्लाइट इनटू फियर’ किताब पक आधारित है। इसे आईसी 814 के पायलट कैप्टन देवी शरण ने खुद लिखा है।
पायलट की भूमिका में जंचे विजय वर्मा, दीया मिर्जा ने दिखाई समझदारी
वहीं, अब ‘आईसी 814- द कंधार हाईजैक’ में एक्टर्स की एक्टिंग के बारे में बात की जाए तो इसमें विजय वर्मा पायलट की भूमिका में खूब जंचे हैं। एक्टर ने कैप्टन देवी शरण के रोल को बखूबी निभाया है। शूट से पहले उन्होंने प्लेन की बारिकियों को समझा था और इसमें उनकी यही सीख कमाल का एक्सपीरियंस देती है। वहीं, वेब सीरीज में कई ऐसी कड़ियां रही हैं, जिसमें एक्टर्स अपने कमाल के अभिनय से रियल घटना का एक्सपीरियंस कराते हैं। दीया मिर्जा ने शो में अपनी समझदारी दिखाकर दर्शकों का दिल जीता है। उनका पत्रकार का रोल होता है। ये भले ही छोटा रोल है मगर अपनी गंभीरता और समझदारी से लाइमलाइट चुराई। देशहित में एक ऐसे शख्स का नाम छुपाया, जिसके साथ कुछ भी होना संभव था।
इसके साथ ही मनोज पाहवा भी वेब सीरीज में हैं। वो निगोशिएन टीम में अहम रोल में होते हैं, जो कंधार जाकर जिस अंदाज में वन टू वन कॉकपिट में बैठे आतंकी से डीलिंग करते हैं। उनका बात करने का स्टाइल कमाल का होता है। वहीं, पत्रलेखा एयरहोस्टेस के रोल में खूब जंचती हैं। पंकज कपूर उस समय की मौजूदा सरकार के मंत्री के रोल में हैं। नसीरुद्दीन शाह आईबी के प्रमुख के किरदार में हैं। सभी ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है।
कमाल का रहा अनुभव सिन्हा का निर्देशन
अनुभव सिन्हा ने वेब सीरीज ‘आईसी 814- द कंधार हाईजैक’ का निर्देशन किया है। उन्होंने बारिकियों को ध्यान में रखकर वेब शो का निर्देशन किया है। 6 एपिसोड में घटना की हर बारीकी को अच्छे से दिखाया है। साथ ही इसमें पुराने और रियल विजुअल्स का भी इस्तेमाल किया है, जो आपको इससे जोड़े रखती है। तत्कालीन में चल रहा शो और असल में घटी घटना का विजुअल आपको इसकी कहानी से जोड़ता है। ये आपको एक फेक्ट और अच्छे विजुअल के होने का अलग अनुभव देता है। इसकी वजह से आपको लगेगा कि आप सच में इस घटना को करीब से देख पा रहे हैं। इसे बिना बोरियत वाला डॉक्यूमेंट्री ड्रामा कहा जा सकता है। अनुभव सिन्हा ने एक-एक चीज का काफी ध्यान रखा है। घटना के साथ ही उन्होंने सरकार और उनके फैसले के विजुअल्स भी दिखाए हैं। उन्होंने सच्ची घटना पर आधारित वेब सीरीज के साथ ज्यादा छेड़छाड़ नहीं किया है।
अनुभव सिन्हा ने बहुत ही शानदार तरीके से राजनीतिक बारीकियों को भी दिखाया है। उन्होंने दिखाया है कि कैसे भारत सरकार को अपने करीब 200 लोगों की जान बचाने के लिए तीन खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा और इसका खामियाजा ये रहा कि भारत में हुए अब तक के सभी बड़े हमलों पर उन खूंखार आतंकियों का ही हाथ रहा।
बैकग्राउंड म्यूजिक
वेब सीरीज ‘आईसी 814’ के म्यूजिक की बात की जाए तो ये कमाल का है। इसका बैकग्राउंड म्यूजिक आपको फिल्म की हर कड़ी से जोड़ता है। कुछ कड़ियां ऐसी भी हैं, जो आपको अंदर झकझोर देती हैं और उस सीन में उसका बैकग्राउंड म्यूजिक जान डाल देता है।
वेब शो देखना चाहिए या नहीं
अब अगर बात की जाए ‘आईसी 814’ को देखने और ना देखने की तो इसे बिल्कुल देखना चाहिए और एक सच्ची घटना को एक्सपीरियंस करना चाहिए। इससे आपको मालूम होगा कि ऐसी भी कोई घटना हुई थी। इस घटना को साल 1999 में एलओसी पर पाकिस्तान के इंडिया पर अटैक और जंग हार जाने के 6 महीने बाद अंजाम दिया गया था। ये एक बेहतरीन डॉक्यू ड्रामा सीरीज है, जिसे पूरी फैमिली के साथ देख सकते हैं।
Tags:    

Similar News

-->