दिग्गज मलयालम एक्टर का 69 साल की उम्र में निधन
इस प्ले के लिए उन्हे केरल साहित्य अकेदमी पुरस्कार और केरल प्रोफेशनल नाटक अवॉर्ड से 1989 में सम्मानित किया गया था.
मलायलम सिनेमा के जाने माने अभिनेता पी. बालाचंद्रन (P. Balachandran) का 62 साल की उम्र में निधन हो गया है. वह काफी समय से बीमार थे. उन्होंने सोमवार तड़के आखिरी सांस ली. बालाचंद्रन केवल एक अभिनेता ही नहीं थे, बल्कि स्क्रिप्ट राइटर भी थे. उन्होंने कई फिल्मों की कहानियां लिखी हैं. बालाचंद्रन आखिरी बार सुपरस्टार मामूट्टी (Mammootty) की फिल्म 'वन' में नजर आए थे, जो कि इस साल मार्च में रिलीज हुई थी.
बालाचंद्रन अपने पीछे पत्नी श्रीलता और दो बच्चे श्रीकांत और पार्वती को छोड़ गए हैं. दिग्गज अभिनेता के निधन से परिवार में मातम पसरा हुआ है. इसके अलावा मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भी शोक की लहर है. अभिनेता और निर्माता जयसूर्या ने बालाचंद्रन की एक तस्वीर अपने सोशल मीडिया पर शेयर की है, जिसमें उन्होंने अभिनेता को श्रद्धांजलि दी है. जयसूर्या के अलावा कई हस्तियों ने बालाचंद्रन के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
कई हिट फिल्मों की लिखी थी स्क्रिप्ट
बालाचंद्रन का पूरा नाम पदमनाभम बालाचंद्रन नायर था. उनका जन्म केरल के कोल्लम में 2 फरवरी, 1952 को हुआ था. वह मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेता और स्क्रिप्ट राइटर दोनों के तौर पर काम किया करते थे. बालाचंद्रन ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1982 में रिलीज हुई फिल्म गांधी से की थी. हालांकि इस फिल्म में उनका छोटा सा ही रोल था, जिसे शायद कुछ लोगों ने ही देखा हो. इसके अलावा वह त्रिवेंद्रम लॉज, साइलेंस और थैंक यू जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय का जादू दिखा चुके थे.
वहीं, बालाचंद्रन के स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर काम करने की बात की जाए तो वह अंकल बन, पुलिस, कल्लू कोनडोरू पेन्नू जैसी फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिख चुके थे. यह ऐसी फिल्में हैं, जो कि बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई थीं. एक्टिंग और स्किप्ट राइटर के अलावा उन्होंने निर्देशन में भी हाथ आजमाया था. साल 2012 में उन्होंने इवान मेघारूपन फिल्म का निर्देशन किया था, जो कि कवि पी. कुण्हिरमन नायर की जिंदगी पर आधारित थी. हालांकि, इस फिल्म के बाद उन्होंने अन्य किसी फिल्म का निर्देशन नहीं किया था.
बालाचंद्रन एक नाटककार भी थे. उन्होंने कई थिएटर प्ले के लिए स्क्रिप्ट लिखी थी. सबसे ज्यादा उनके किसी प्ले की चर्चा हुई तो वह थी पावम उस्मान. इस प्ले के लिए उन्हे केरल साहित्य अकेदमी पुरस्कार और केरल प्रोफेशनल नाटक अवॉर्ड से 1989 में सम्मानित किया गया था.