भारतीय फिल्म
उद्योग ने अनुभवी अदाकार हरीश मैगन के मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है, जिन्होंने 1 जून
को आखिरी सांस ली. गोल माल, नमक हलाल, मुकद्दर का सिकंदर और इंकार जैसी
प्रतिष्ठित हिंदी फिल्मों में अपने गौरतलब प्रदर्शन के लिए जाने जाने वाले मैगन
के मृत्यु ने एक खालीपन छोड़ दिया है.
सिने एंड टीवी
आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (CINTAA) ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर
अकाउंट के जरिए इस दुर्भाग्यपूर्ण समाचार को साझा किया. हार्दिक पोस्ट
में लिखा था, “CINTAA हरीश मैगन (जून 1988 से सदस्य) के मृत्यु पर अपनी
संवेदना व्यक्त करता है.” यह समाचार सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से फैल गई, प्रशंसकों ने दुख और याद के संदेश देने प्रारम्भ कर
दिए. हरीश मैगन प्रतिष्ठित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया (FTII) से स्नातक थे. वह बेहद
प्रतिभाशाली अदाकार थे जिन्होंने विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं में अपनी बहुमुखी
प्रतिभा का प्रदर्शन किया. मैगन की अभिनय
क्षमता चुपके-चुपके, खुशबू, मुकद्दर का सिकंदर
और शहंशाह जैसी फिल्मों में उनके यादगार प्रदर्शन से साफ हुई.
अपने एक्टिंग करियर के अलावा, हरीश मैगन को एक्टिंग के क्षेत्र में एक शिक्षक
के रूप में उनके सहयोग के लिए जाना जाता था. उन्होंने मुंबई
के जुहू क्षेत्र में हरीश मैगन अभिनय इंस्टीट्यूट की स्थापना की, जहां उन्होंने
महत्वाकांक्षी अभिनेताओं का पोषण किया और उनके साथ अपना ज्ञान और अनुभव साझा किया. हरीश मैगन की अंतिम ऑन-स्क्रीन उपस्थिति 1997 की रोमांटिक ड्रामा
उफ़ ये मोहब्बत में
थी, जहां उन्होंने
अपने सूक्ष्म चित्रण से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. हरीश मैगन के
निधन की समाचार फिल्म उद्योग के लिए एक झटका है.