जितनी रकम में पूरी फिल्म बनकर हो जाती थी तैयार, उस दौर में Mughal e Azam के इस गाने पर खर्च हुए थे 10 लाख

1960 में रिलीज़ हुई मुगल ए आज़म हिंदी सिनेमा की शानदार फिल्मों में शुमार है

Update: 2021-02-27 18:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | एक सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, दो बेहतरीन कलाकार और पर्दे के पीछे मिला सपोर्ट इस फिल्म को सुपरहिट ब्लॉकबस्टर बनाने के लिए काफी था. दिलीप कुमार, मधुबाला जैसे दमदार कलाकारों से सजी ये फिल्म उस वक्त भी हिट थी आज भी है और कल भी रहेगी.

10 lakhs were spent on song Jab pyar kiya to darna kya of Mughal e Azam
1960 में रिलीज़ हुई मुगल ए आज़म (Mughal E Azam) हिंदी सिनेमा की शानदार फिल्मों में शुमार है जो इतने दशकों के बाद ऐतिहासिक फिल्म का दर्जा भी हासिल कर चुकी है. एक सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, दो बेहतरीन कलाकार और पर्दे के पीछे मिला सपोर्ट इस फिल्म को सुपरहिट ब्लॉकबस्टर बनाने के लिए काफी था. दिलीप कुमार(Dilip Kumar), मधुबाला(Madhubala) जैसे दमदार कलाकारों से सजी ये फिल्म उस वक्त भी हिट थी आज भी है और कल भी रहेगी. यूं तो इस फिल्म से जुड़ी कई बातें हैं जो जाननी चाहिए लेकिन एक खास बात हम आपको बताने जा रहे हैं जो जुड़ी इस फिल्म के आइकॉनिक गाने से.
10 लाख में बनकर तैयार हुआ था गाना
जितनी रकम में पूरी फिल्म बनकर हो जाती थी तैयार, उस दौर में Mughal e Azam के इस गाने पर खर्च हुए थे 10 लाख
यूं तो फिल्म की कहानी और गाने सब कुछ जबरदस्त था लेकिन एक गाना ऐसा था जो आज भी खूब गुनगुनाया जाता है खासतौर से तब जब प्यार की बात हो. हम बात कर रहे हैं जब प्यार किया तो डरना क्या गाने की. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये गाना उस दौर में 10 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था. यानि उस वक्त जब एक पूरी फिल्म ही 10 लाख मे बनकर तैयार हो जाती थी तब केवल इस गाने को शूट करने के लिए 10 लाख रुपए खर्च हुए थे.
गाने के लिए तैयार किया गया था भव्य सेट


जितनी रकम में पूरी फिल्म बनकर हो जाती थी तैयार, उस दौर में Mughal e Azam के इस गाने पर खर्च हुए थे 10 लाख फाइल फोटो
यूं तो ये पूरी फिल्म ही भव्य सेट में शूट हुई थी लेकिन खासतौर से इस गाने को तैयार करने के लिए एक ज़बरदस्त सेट बनाया गया था. जो न जाने कितने आईनों को मिलाकर तैयार किया गया था. यही कारण था कि ये हिंदी फिल्मों का सबसे महंगा और बेहतरीन गाना बना. वहीं पूरी फिल्म की बात करें तो इस फिल्म को बनाने मे उस वक्त 1.5 करोड़ रुपए की बड़ी रकम खर्च हुई थी. खैर, मेहनत रंग लाई और ये फिल्म सदी की सर्वश्रेष्ठ फिल्म बन गई.


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