'तमिल रॉकर्ज' एक्टर अरुण ने फिल्मों की पायरेसी पर दी प्रतिक्रिया, कहा- 'चोरी से दिल टूट जाता है…'

‘फिल्म ‘साहो’ के बाद मैं अच्छे प्रस्तावों को देख रहा हूं। अगर कुछ दिलचस्प आएगा तो जरूर करूंगा।’

Update: 2022-08-30 04:37 GMT

फिल्मों पायरेसी एक बड़ी समस्या है। हाल ही में सोनी लिव पर आए वेब शो 'तमिल राकर्ज' में इस विषय को उठाया भी गया है। हिंदी में डब किए गए इस शो में पुलिस अधिकारी की भूमिका तमिल अभिनेता अरुण विजय ने निभाई है। इससे पहले फिल्म 'साहो' में नजर आ चुके अरुण ने इस सीरीज से वेब सीरीज की दुनिया में डेब्यू किया है। इस बारे में अभिनेता अरुण ने हमारी संवाददाता स्मिता श्रीवास्तव से खास बातचीत की है। आइए जानते हैं इस बातचीत के कुछ अंश।


शो से जुड़ने को लेकर अरुण बताते हैं, 'हम सब जानते हैं कि पायरेसी से किस तरह इंडस्ट्री परेशान है। मुझे यह कांसेप्ट बहुत अच्छा लगा। मुझे लगा कि इसके बारे में लोगों को बताना चाहिए। किस तरह से मेहनत और संघर्ष से फिल्म को बनाया जाता है और पायरेसी होने से क्या होता है। इस शो में मैं पुलिस अधिकारी रुद्र की भूमिका में हूं। दिलचस्प बात यह है कि फिल्मों में दिलचस्पी न रखने के बाद भी वह इस मामले की जड़ तक कैसे पहुंचता है। शो को लेकर काफी रिसर्च की गई है। मुझे यकीन है जिस किसी ने भी शो देखा होगा, इसके बाद वह पायरेसी वाली वेबसाइट पर फिल्मों को देखना बंद कर देगा। मुझे लगता है कि इंडस्ट्री का जिम्मेदार कलाकार होने के नाते इस कहानी को कहना जरूरी था। फिल्म में इस बात को चंद घंटों में कह पाना मुश्किल होगा। इसलिए सीरीज में इसे गहराई से दर्शाया गया है।'

दिल तोड़ने वाला अनुभव

अपनी फिल्मों की पायरेसी के अनुभव को साझा करते हुए अरुण बताते हैं, 'फिल्म की पायरेसी आपका दिल तोड़ देती है। शुक्रवार को फिल्म रिलीज के साथ ही कुछ ही घंटों में फिल्म कई पायरेटेड वेबसाइट पर आ जाती है। हमारे पास एक अलग टीम है, जो इन साइट से फिल्मों को हटाने का काम करती है। अब पहले जैसे दिन नहीं रहे कि फिल्म 100 दिन सिनेमाघरों में चल रही है। अब फिल्म को ज्यादा स्क्रीन मिलते हैं। 10 दिन में जो फिल्म का कलेक्शन आ जाता है, वही उसकी सर्वाधिक कमाई होती है। इसलिए हमें पायरेसी को लेकर बहुत सजग रहना पड़ता है। मेरी फिल्म 'यनाई' रिलीज हुई और मैंने देखा कि वह वेबसाइट पर आ गई। यह देखना काफी डिस्टर्बिंग था, लेकिन ईश्वर की कृपा रही कि फिल्म ने अच्छा व्यवसाय किया, पर यह ज्यादा हो सकता था। बतौर कलाकार हम हमेशा यही चाहते हैं कि पायरेसी पर रोक लगे। यही वजह रही कि मैंने इस किरदार को किया।'

अब बढ़ गई है सजगता

अरुण ने महज 13 साल की उम्र में साउथ फिल्म इंडस्ट्री में कदम रख दिया था। इंडस्ट्री में आए बदलावों को लेकर अरुण हंसते हुए कहते हैं, 'अब डिजिटल का जमाना है। तमाम नई तकनीकें आ गई हैं। निश्चित रूप से हमारे जमाने में कैसेट प्लेयर, डीवीडी थे, अब तमाम चैनल और ओटीटी प्लेटफार्म हैं। अब इंडस्ट्री का दायरा काफी बड़ा हो गया है। आडियंस के पास ढेरों विकल्प हैं। बतौर कलाकार हमें फिल्म बनाते हुए ज्यादा जिम्मेदार होने की जरूरत है। यह हमारे दिमाग में भी चल रहा है। मैं अपनी फिल्मों पर बहुत फोकस कर रहा हूं, क्योंकि अब ओटीटी पर अलग-अलग भाषाओं का तमाम कंटेंट उपलब्ध है। अब रियल लाइफ कंटेंट को पसंद किया जा रहा है। मुझे खुशी है कि दर्शकों को हमसे अपेक्षाएं हैं। हमें ज्यादा जिम्मेदार बनना होगा।'

अच्छी है यह प्रक्रिया

अरुण अपनी एक्शन फिल्मों के लिए पहचान रखते हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में पसंदीदा एक्शन स्टार के बाबत वह कहते हैं, हिंदी सिनेमा में बहुत सारा टैलेंट है। वहां बेहतरीन फिल्में बनी हैं। वहां की कई फिल्मों के रीमेक साउथ में हैं। वहीं साउथ की रीमेक फिल्में हिंदी में भी बनी हैं। मेरे हिसाब से यह अच्छी प्रक्रिया है। यह देखकर अच्छा लगता है कि हिंदी सिनेमा के सितारे साउथ में और साउथ के एक्टर्र हिंदी फिल्मों में काम कर रहे हैं। अब इंडस्ट्री के बीच किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं है। मुझे टाइगर श्राफ का एक्शन बहुत पसंद है।' शाह रुख खान, आमिर खान, संजय लीला भंसाली की फिल्मों के मुरीद अरुण तेलुगु और हिंदी में बनी साहो में नजर आए हैं। हिंदी फिल्म करने को लेकर अरुण कहते हैं, 'फिल्म 'साहो' के बाद मैं अच्छे प्रस्तावों को देख रहा हूं। अगर कुछ दिलचस्प आएगा तो जरूर करूंगा।'


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