MeToo आरोपों के चलते तमिल गीतकार ने लिया फैसला- साहित्यिक पुरस्कार करेंगे वापस
MeToo आरोपों के चलते तमिल गीतकार
तमिल गीतकार वैरामुथु ने ओएनवी साहित्यिक पुरस्कार को वापस करने की शनिवार को चेन्नई में घोषणा की. मीटू आरोपों का सामना कर रहे गीतकार को पुरस्कार दिए जाने के खिलाफ अलग-अलग वर्गों में हो रहे विरोध के बाद उन्होंने ये घोषणा की. ये पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मलयालम कवि दिवंगत ओएनवी कुरुप की स्मृति में दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि वो पुरस्कार वापस कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में वो इस सम्मान को अस्वीकार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो नहीं चाहते कि जूरी को किसी असहज स्थिति का सामना करना पड़े. उन्होंने अनुरोध किया कि ओएनवी सांस्कृतिक अकादमी की तरफ से घोषित तीन लाख रुपए का नकद पुरस्कार केरल मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया जाए.
वैरामुथु ने कहा कि मुझे पता चला है कि बदले की भावना रखने वाले लोगों के हस्तक्षेप के कारण पुरस्कार पर पुनर्विचार किया गया है. उन्होंने कहा कि इसलिए, मैं केवल विवादों के बीच पुरस्कार प्राप्त करने से बचना चाहता हूं. अभिनेत्रियों पार्वती थिरुवोथु एवं गीतू मोहनदास और गायिका चिन्मयी श्रीपदा ने वैरामुथु पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.
इन महिलाओं ने गीतकार को ये सम्मान दिए जाने पर आपत्ति जताई थी. वैरामुथु ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया था और इन आरोपों को पूरी तरह से गलत और झूठा बताया था. चयन मंडल में शामिल मलयालम विश्वविद्यालय के कुलपति अनिल वल्लाथोल और कवि अलनकोडे लीलाकृष्णन और प्रभा वर्मा ने विजेता का चयन किया. उपन्यास भी लिख चुके वैरामुथु को साल 2003 में पद्मश्री और साल 2014 में पद्म भूषण से नवाजा गया था. पिछले साल प्रख्यात आलोचक एम लीलावती को इस सम्मान से नवाजा गया था.