Taarak Mehta: पोपटलाल छोड़ेंगे पत्रकारिता, अब अपने लिए खोजेंगे दुल्हन

पॉपुलर कॉमेडी टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) बीते 13 साल से लोगों को हंसा रहा है

Update: 2021-10-29 07:02 GMT

पॉपुलर कॉमेडी टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) बीते 13 साल से लोगों को हंसा रहा है. शो के फैंस इसके किरदारों से दिल से जुड़ चुके हैं. इस सीरियल में एक खास किरदार है 'पत्रकार पोपटलाल' (Popatlal) जो शादी के लिए तरस रहा है. अपनी शादी के लिए सौ जतन करने वाले पोपटलाल अब अपनी पत्रकारिता भी छोड़ने को भी तैयार हैं. जी हां! अब पोपटलाल अपने करियर में बदलाव करके सब्जी बेचने वाले हैं.

सब्जीवाले बनेंगे पोपटलाल

'तारक मेहता' शो में पोपटलाल की ना हो सकने वाली शादी (Popatlal's wedding) अब तक कई बार लोगों के लिए ठहाकों का दौर ला चुकी है. लेकिन इस बार जो होने वाला है वह तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा. क्योंकि अब पोपटलाल पत्रकारिता को छोड़कर सब्जीवाले बनने के लिए तैयार हैं. वह सोसाइटी की कोमल, बबीताजी और माधवी के साथ मिलकर प्लान बनाते हैं कि अब वह सब्जी का व्यापार करेंगे.

गली-गली घूमकर खोजेंगे दुल्हन

पोपटलाल के सब्जी बेचने के आइडिया के पीछे का मकसद कमाई नहीं बल्कि यह है कि वह इस काम के साथ अपनी दुल्हन खोज सकेंगे. क्योंकि जब वह गली-गली सब्जी बेचने जाएंगे तो कई महिलाएं और लड़कियां उनसे सब्जी खरीदेंगी. तो हो सकता है कि इसी दौरान उन्हें उनका प्यार भी मिल जाए. यही सोचते हुए वह जागते हुए सपना देखेगा कि सच में वह सब्जी बेच रहा है.

कोमल देगी ये हिदायत

इसी बीच जब पोपटलाल अपने हसीन सपने में खोया रहेगा तो कोमल उसे सलाह देगी कि कहीं वह सब्जी बेचते-बेचते किसी कस्टमर को बहन ना बोलने लगे. क्योंकि ऐसे में वह अपनी दुल्हन नहीं खोज पाएगा. ये सुनकर सभी हंसने लगेंगे और पोपटलाल भी शर्मा जाएगा. ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.

साल 2008 से हो रहा प्रसारण

'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' सोनी सब चैनल पर प्रसारित होने वाला एक लोकप्रिय शो रहा है, जो कि जुलाई 2008 में पहली बार प्रसारित हुआ था और तब से यह टेलीविजन पर सफलतापूर्वक चल रहा है. यह शो साप्ताहिक कॉलम 'दुनिया ने ऊंधा चश्मा' पर आधारित है.

गोकुलधाम सोसायटी की है कहानी

यह शो गोकुलधाम नामक एक सोसायटी में रहने वाले कई परिवारों के इर्द-गिर्द घूमता है, जहां सभी धर्मो एवं संप्रदाय के परिवार एक साथ रहते हैं और अपनी दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को एक साथ मिलकर हंसी-हंसी में हल करते दिखाई देते हैं.

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