मुश्किल में तापसी पन्नू! डायरेक्टर ने कभी नहीं दी बॉक्स ऑफिस पर हिट

लेकिन मुश्किल यह है कि बॉक्स ऑफिस पर उनकी फिल्मों ने तब भी कमाल नहीं किया जब उन्होंने कॉमर्शियल सिनेमा में हाथ आजमाया.

Update: 2022-07-24 11:15 GMT

साउथ से हिंदी में आकर तापसी पन्नू ने कड़ी मेहनत करके जो जगह बनाई थी, वह उनकी लगातार फ्लॉप फिल्मों से डांवाडोल होने लगी है. 2019 की मल्टीस्टारर मंगल मिशन और अमिताभ बच्चन के साथ बदला छोड़ दें तो तापसी की सांड की आंख, थप्पड़ और शबाश मिठू सिनेमाघरों में फ्लॉप रही हैं. ओटीटी पर रश्मि रॉकेट कमजोर साबित हुई और हसीन दिलरुबा को उसके थ्रिल ने बचाया. ऐसे में तापसी के सामने चुनौती है कि अच्छी कहानियों का चुनाव करें. उनकी अगली फिल्म दोबारा रिलीज के लिए तैयार है, लेकिन समस्या यह कि इस फिल्म के डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने बीस साल में बॉक्स ऑफिस पर एक भी हिट फिल्म नहीं दी.


ऐसी है दोबारा की कहानी
दोबारा 2018 में आई स्पेनिश फिल्म मिराज की हिंदी रीमेक है और इन दिनों हिंदी के दर्शक रीमेक फिल्मों को सिरे से खारिज कर रहे हैं. फिलहाल खबर यह है कि दोबारा का प्रीमियर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में होने जा रहा है. मिराज की रीमेक दोबारा फेंटेसी, मिस्ट्री, थ्रिलर है. यह 12 साल के लड़के की कहानी है, जो एक आंधी-तूफान के मौसम में पड़ोस में एक मर्डर देख लेता है. मर्डर की जगह से भागते हुए वह कार से टकरा कर मर जाता है. पच्चीस साल बाद उसके अपार्टमेंट में एक महिला (तापसी पन्नू) पति और बच्चे के साथ रहने आती. वहां एक पुराना टीवी और रिमोट रखा है. पच्चीस साल पुरानी रात जैसा आंधी-तूफान फिर आता है और वह महिला उस टीवी में मर चुके लड़के को देखती है. लड़का बताता है कि उसने क्या देखा था. यहां से कहानी रहस्यमयी मोड़ पर आ जाती है. कौन है वह लड़का, क्या उसने देखा था और वह अचानक टीवी में कैसे इस महिला को दिखने लगा. फिल्म में तापसी के साथ पावेल गुलाटी हैं, जो थप्पड़ में उनके साथ नजर आए थे. 19 अगस्त को यह फिल्म सिनेमाघरों में लगेगी.

तापसी-अनुराग की जोड़ी का रिकॉर्ड
अनुराग के साथ दोबारा तापसी की तीसरी फिल्म है. इससे पहले अनुराग के निर्देशन में मनमर्जियां (2018) में वह अभिषेक बच्चन के साथ आई थीं. जबकि अनुराग की प्रोड्यूस की हुई फिल्म सांड की आंख (2019) में तापसी और भूमि पेडनेकर थीं. ये दोनों फिल्में टिकट खिड़की पर फ्लॉप थीं. अनुराग कश्यप भले ही अलग तरह का सिनेमा बनाते हों, लेकिन मुश्किल यह है कि बॉक्स ऑफिस पर उनकी फिल्मों ने तब भी कमाल नहीं किया जब उन्होंने कॉमर्शियल सिनेमा में हाथ आजमाया.

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