बेटी को दे रहीं सर्वधर्म शिक्षा Swara Bhaskar

Update: 2025-03-17 10:58 GMT
बेटी को दे रहीं सर्वधर्म शिक्षा Swara Bhaskar
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मुंबई | बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर अक्सर अपने विचारों और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बात करती रही हैं। हाल ही में, स्वरा ने अपनी बेटी राबिया के लिए एक बहुत ही अहम शिक्षा की ओर इशारा किया है। स्वरा भास्कर ने अपनी बेटी को सर्वधर्म शिक्षा देने की बात कही है, ताकि वह विभिन्न धार्मिक विश्वासों, परंपराओं और संस्कृतियों का सम्मान करना सीखे। स्वरा का मानना है कि इस समय जब समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक भेदभाव की समस्या बढ़ रही है, तब यह शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।

स्वरा भास्कर की यह सोच न केवल व्यक्तिगत स्तर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक बड़े सामाजिक संदेश को भी दर्शाती है। स्वरा का कहना है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को यदि सही तरीके से सर्वधर्म के सिद्धांतों के बारे में बताएंगे, तो वे भविष्य में किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक हिंसा या नफरत से दूर रहेंगे। स्वरा ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा था कि वह चाहती हैं कि उनकी बेटी राबिया एक ऐसी इंसान बने जो सभी धर्मों, संस्कृतियों और समुदायों का सम्मान करती हो।

सर्वधर्म शिक्षा का महत्व

सर्वधर्म शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को यह सिखाना है कि हर धर्म की अपनी विशिष्टताएँ हैं और हमें उन सबका सम्मान करना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी एक धर्म को अन्य धर्मों से ऊपर रखें, बल्कि यह शिक्षा देती है कि सभी धर्मों के मूल उद्देश्य समान हैं – प्रेम, करुणा, और इंसानियत। स्वरा का मानना है कि जब हम अपनी बच्चों को यह शिक्षा देते हैं, तो हम उन्हें समाज में बढ़ती नफरत और हिंसा से बचाने में सफल हो सकते हैं।

स्वरा भास्कर का यह कदम इस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब हमारे समाज में धार्मिक कट्टरता और सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह जरूरत और बढ़ जाती है कि हम अपनी अगली पीढ़ी को एकजुटता और प्यार की भावना से पाले-पोसे।

स्वरा का मानवीय दृष्टिकोण

स्वरा भास्कर ने हमेशा अपनी फिल्मों और पर्सनल लाइफ में सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय दी है। वह एक ऐसी अभिनेत्री हैं जो कभी भी किसी भी मुद्दे पर खामोश नहीं रहतीं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों, समलैंगिकता, धार्मिक स्वतंत्रता, और समानता के मुद्दों पर अपनी आवाज़ उठाई है। स्वरा का मानना है कि यदि हमें एक बेहतर और समावेशी समाज बनाना है, तो हमें बच्चों को धर्म, जाति, और रंग-रूप से परे जाकर इंसानियत की असली पहचान समझानी होगी।

राबिया की परवरिश में बदलाव

स्वरा ने अपनी बेटी राबिया की परवरिश को लेकर भी अपनी राय साझा की थी। उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि राबिया को केवल एक धर्म या संस्कृति तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उसे सभी धर्मों और उनके विचारों को समझने और अपनाने की स्वतंत्रता हो। स्वरा का यह कदम यह दिखाता है कि वह चाहती हैं कि उनकी बेटी राबिया को एक ऐसा दृष्टिकोण मिले, जिसमें वह हर धर्म का सम्मान करे और बिना किसी पूर्वाग्रह के अपने फैसले ले।

स्वरा की यह सोच न केवल उनकी खुद की जिंदगी की दिशा को प्रभावित कर रही है, बल्कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि उनकी बेटी का पालन-पोषण एक ऐसे माहौल में हो, जिसमें उसे नफरत और भेदभाव से दूर रखा जाए। स्वरा का यह कदम उनकी एक जिम्मेदार मां होने के साथ-साथ एक जागरूक और समझदार नागरिक होने को भी दर्शाता है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर समाज की कल्पना करती है।

निष्कर्ष

स्वरा भास्कर की यह सोच हमारे समाज के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने अपनी बेटी राबिया को जो सर्वधर्म शिक्षा देने का निर्णय लिया है, वह न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में धार्मिक सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जब हम बच्चों को धर्म, जाति, और रंग-रूप से ऊपर उठकर इंसानियत की सच्चाई समझाते हैं, तो हम उन्हें एक बेहतर और समावेशी समाज की ओर मार्गदर्शन कर रहे होते हैं। स्वरा भास्कर का यह कदम हमें यह याद दिलाता है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को एकजुट, शांतिपूर्ण और समझदारी से भरा हुआ समाज देना हम सभी की जिम्मेदारी है।


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