दो बार ब्रेन स्ट्रोक को दे चुकी हैं मात 'बालिका वधू' की दादी सुरेखा सीकरी, आज 76 साल की हुईं दिग्गज अभिनेत्री

कहते हैं कि जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम है। अगर जीने का जज़्बा हो तो मौत के मुंह से भी लौटकर आया जा सकता है।

Update: 2021-04-19 02:53 GMT

कहते हैं कि जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम है। अगर जीने का जज़्बा हो तो मौत के मुंह से भी लौटकर आया जा सकता है। कुछ ऐसी ही मिसाल पेश कर रही हैं बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री सुरेखा सीकरी(Surekha Sikri)। जिन्हें हम सब 'बालिका वधू'(Balika vadhu)की दादी-सा के नाम से जानते हैं।

आज सुरेखा सीकरी 75 साल की हो गई हैं। टीवी और फिल्म जगत की पॉपुलर दादी को हर कोई उनके 75वें जन्मदिन की बधाई दे रहा है।
बीते साल, सुरेखा सीकरी दूसरी बार ब्रेन स्ट्रोक(Brain Stroke) का शिकार हो गईं थीं। जिसके बाद उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। सुरेखा सीकरी दूसरी बार भी ब्रेन स्ट्रोक को मात दे चुकी हैं। हांलाकि बढ़ती उम्र की वजह से उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में वक्त लगेगा।
3 बार नेशनल अवॉर्ड विजेता रह चुकीं सुरेखा सीकरी को बड़ी पहचान सीरियल 'बालिका वधू' में दादी-सा का रोल निभाने के बाद मिली थी।
सीरियल में उन्होने आनंदी की दादी-सास का रोल प्ले किया था। इसके अलावा वह फिल्म 'बधाई हो' में आयुष्मान खुराना(Ayushmann Khurrana) की दादी के रोल में दिखी थीं। सुरेखा सीकरी को आज के दर्शकों ने हमेशा दादी के रोल में देखा है।
झुर्रियां पड़ा चेहरा, दुबली पतली काठी लेकिन कड़क और दमदार आवाज सुरेखा सीकरी की पहचान है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि सुरेखा कभी इतनी खूबसूरत भी हुआ करती थीं। एक्टिंग की दुनिया में सुरेखा सीकरी साल 1976 से एक्टिव हैं।
उन्होने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत 1976 में रिलीज़ हुई पॉलिटिक्ल ड्रामा 'किस्सा कुर्सी का' से की थी। जिसके बाद उन्होने 'तमस', 'परिनीती', 'नसीम', 'सरदारी बेगम','मम्मो', 'हमको दीवाना कर गये' और 'बधाई हो' जैसी फिल्मों में काम किया। 'तमस', 'मम्मो' और 'बधाई हो' के लिये सुरेखा सीकरी ने तीन बार बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड(National Award) भी हासिल किया ।
सीरियल्स की दुनिया में भी सुरेखा सीकरी ने अपनी अदाकारी का लोहा मनावाया। 'बालिका वधू' समेत 'परदेस में है मेरा दिल', 'एक था राजा एक थी रानी', 'सात फेरे', 'बनेगी अपनी बात' जैसे प़ॉपुलर सीरियल्स में उन्होने अपनी अदाकारी की छाप छोड़ी। बालिका वधू की दादी सा के तौर पर उन्हें आज भी घर-घर में पहचाना जाता है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि अपनी अदाकारी से लाखों दिलों पर राज करने वाली सुरेखा सीकरी एक्टर नहीं बल्कि पत्रकार बनना चाहती थीं।
सुरेखा पढ़ाई में हमेशा अव्वल आती थीं, यही वजह थी कि पत्रकार या लेखक बनना चाहती थीं। 19 अप्रैल 1945 को जन्मी सुरेखा सीकरी ने अपना बचपन नैनीताल और अल्मोड़ा में बिताया था। एक्टिंग की दुनिया में उनका आना भी लक बाय चांस रहा। अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी की छात्रा रही सुरेखा एक बार 'द किंग लियर' नाटक देखने पहुंची। उस ड्रामा से वह इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एड्मिशन भी ले लिया। और 1971 में NSD से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। जिसके बाद उन्होने NSD में जॉब भी की।
लेकिन 1976 में उन्होने फिल्मों का रूख कर लिया। बात करें सुरेखा सीकरी की निजी जिंदगी की तो उनका विवाह हेमंत रेगे से हुआ था। 2009 में हेमंत रेगे का देहांत हो गया था। सुरेखा के परिवार में उनका एक बेटा राहुल सीकरी है। बहुत कम लोग जानते हैं कि सुरेखा सीकरी और बॉलीवुड अभिनेता नसीरूद्दीन शाह के बीच बेहद खास रिश्ता है।
सुरेखा की बहन परवीन नसीरूद्दीन शाह की पहली पत्नी थी। जो अब इस दुनिया में नहीं है। नसीरूद्दीन और परवीन की एक बेटी हैं हिबा शाह। आपने सीरियल बालिका वधू में हिबा को देखा होगा। हिबा ने शो में यंग दादी सा यानि कल्याणी देवी का रोल प्ले किया था। अदाकारी की दुनिया में आए सुरेखा सीकरी को 49 साल का वक्त बीत चुका है। इस लंबे सफर में उन्होने कई यादगार किरदार निभाए हैं।
कई किरदारों को पर्दे पर जीवंत किया है। और अब एक मुश्किल बीमारी से जंग लड़ने के बाद वह फिर से सामान्य जीवन की तरफ लौट रही हैं।


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