स्टीवन स्पीलबर्ग को इतनी आलोचना नहीं झेलनी पड़ी, जितनी मैंने झेली: विवेक अग्निहोत्री
पर हमारे देश में ऐसा अज्ञानता के कारण होता है।
डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने शनिवार को दावा किया कि उनकी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' में दिखाए गए किरदारों के लिए उन्हें धमकियां मिलीं और सवाल खड़े किए गए। उन्होंने कहा कि यहूदियों के जनसंहार पर बनी फिल्म 'शिंडलर्स लिस्ट' के लिए डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग को इतनी आलोचना नहीं झेलनी पड़ी होगी, जितनी कि उन्हें झेलनी पड़ी।
Vivek Agnihotri ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब देश को नकली धर्मनिरपेक्षता से मुक्त कराने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय दुनिया में आस्था के दो सिस्टम हैं। इनमें से एक ओपन सोर्स आस्था सिस्टम है, जिसमें एक व्यक्ति अपने भगवान को जिस रूप में चाहे, कल्पना कर सकता है। आस्था का दूसरा सिस्टम वह है, जिसमें आप अगर भगवान में विश्वास नहीं भी करते हैं तब भी कोई दिक्कत नहीं है।
'जिन्हें शरण दी, उन्होंने ही हमें धोखा दिया'
विवेक अग्निहोत्री ने ये सारी बातें प्रोफेसर पी आर मुकुंद की किताब The 10 Gunas के लॉन्च पर कहीं। विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि दुनिया में शायद भारत ही एकमात्रा ऐसा देश है, जो आस्था के इन दोनों सिस्टम को फॉलो करता है। विवेक अग्निहोत्री ने कहा, 'कश्मीर में जो भी आक्रमणकारी आए, उन्हें उनके ही देश में सताया गया था, पर हमने उन्हें शरण दी। लेकिन बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि उन्होंने हमें ही धोखा दिया। उन्होंने कश्मीर को लूटना और धर्मांतरण करना शुरू कर दिया।'
'मैं अकेले कहीं बाहर नहीं जा सकता...'
विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो सभी धर्मों का पोषण करता है, पर बाकी देशों में ऐसा नहीं है। वह बोले, 'मैं बाहर नहीं जा सकता। मैं एक सामाजिक व्यक्ति हूं। मैं अपने परिवार से नहीं मिल सकता। मेरी सारी आवाजाही प्रतिबंधित है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी जिंदगी एक व्यक्ति की तरह हो गई है। सोचिए Steven Spielberg, जिन्होंने होलोकॉस्ट के बारे में Schindler's List फिल्म बनाई थी, उन्हें बाद में धमकियां मिलतीं, लेकिन ऐसा उनके साथ नहीं हुआ। पर हमारे देश में ऐसा अज्ञानता के कारण होता है।