हिंदी सिनेमा में फिर हीरो बनने की सोनू सूद की कोशिशें बेकार, लौटकर फिर पहुंचे तेलुगू में विलेन बनने

हाल ही में रिलीज हुए फिल्म आचार्य के ट्रेलर में यूं तो बहुत कुछ ऐसा था जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। लेकिन इस ट्रेलर में एक किरदार ऐसा भी नजर आया जिसकी एक झलक ने सबको आकर्षित कर लिया।

Update: 2022-04-15 02:44 GMT

हाल ही में रिलीज हुए फिल्म आचार्य के ट्रेलर में यूं तो बहुत कुछ ऐसा था जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। लेकिन इस ट्रेलर में एक किरदार ऐसा भी नजर आया जिसकी एक झलक ने सबको आकर्षित कर लिया। फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता सोनू सूद बड़े पर्दे पर अपने खलनायक वाले किरदार के काफी मशहूर हैं। साउथ फिल्मों में जाने- माने विलेन सोनू सूद ने हीरो बनने की चाह में बॉलीवुड की तरफ रुख किया था। हालांकि, हिंदी सिनेमा में कुछ खास किरदार ना मिलने की वजह से लगता है सोनू सूद एक बार फिर अपने पुराने अंदाज में लौट आए हैं।

अपने खुंखार किरदारों के मशहूर अभिनेता के जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्हें साउथ फिल्मों में नकारात्मक किरदार मिलने तक बंद हो गए थे। इसकी वजह जान आप खुद भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल, कोरोना काल में अभिनेता ने जरूरतमंदों की जमकर मदद की थी। ऐसे में लोगों की मदद कर महीसा बने सोनू सूद को फिल्म मेकर्स ने अपनी फिल्मों में खलनायक का किरदार देने से इनकार कर दिया।

साउथ इंडस्ट्री में विलेन बन नाम कमाने वाले सोनू सूद ने साल 1999 में तमिल फिल्म काल्लाझगर और नैंजीनीले से अपना डेब्यू किया। इसके बाद उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें की फिल्मों में विलेन की भूमिका मिलने लगी। विलेन बन अपनी पहचान बनाने वाले सोनू सूद में मन में पर्दे पर हीरो बनने की चाह अब भी जिंदा थी। अपनी इसी इच्छा को पूरा करते हुए उन्होंने साल 2002 में बॉलीवुड फिल्म शहीद-ए-आजम में भगत सिंह की भूमिका निभाकर सबका दिल जीता।

इसके बाद सोनू सूद ने युवा, आशिक बनाया आपने, जोधा अकबर, सिंह इज किंग, दबंग, आर राजकुमार, शूटआउट एट वडाला, तूतक तूतक तूतिया, पलटन और सिंबा जैसी फिल्मों में भी काम किया। लेकिन इन फिल्मों में वह महज सहायक कलाकार ही बन पाए। ऐसे में बड़े पर्दे पर हीरो बनने में नाकाम रहे सोनू सूद ने एक बार फिर अपने पुराने किरदार को अपना लिया है।


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