सबा अली खान के जन्मदिन पर 'भाभी' करीना और 'भाई' सैफ ने भेजे खास गिफ्ट्स
वह रियासत के अंत के बाद से औकाफ-ए-शाही की मुखिया बनने वाली देश की पहली महिला हैं.
बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान (Kareena Kapoor Khan) अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ काफी शानदार तरीके से मैनेज करती हैं. एक बार फिर से करीना ने इसका सबूत पेश कर दिया है. दरअसल, बेबो ने हाल ही में अपनी बड़ी ननद सबा पटौदी (Saba Pataudi) के बर्थडे पर उन्हें सरप्राइज देते हुए एक बेहद खास तोहफा भिजवाया है. सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहने वाली सबा ने भाभी से मिले इस तोहफे की तस्वीरें भी फैंस के साथ शेयर की हैं.
46 साल की हुईं सबा पटौदी
1 मई 2022 को सबा अली खान (Saba Ali Khan) ने अपना 46वां जन्मदिन मनाया. इस खास मौके पर उन्हें उनके भाई सैफ अली खान (Saif Ali Khan) और भाभी करीना कपूर खान (Kareena Kapoor Khan) ने बधाई दी थी और साथ ही खास गिफ्ट भी भिजवाए. करीना ने अपने ऑफिशियल इंस्टा हैंडल से सबा की एक प्यारी तस्वीर शेयर की थी, जिसपर उन्होंने लिखा था, "हैप्पी बर्थडे डार्लिंग सबा, लव यू." करीना की इस फोटो को सबा ने रिपोस्ट किया था और अपनी भाभी का आभार व्यक्त किया था.
सैफ करीना ने भेजा अनमोल तोहफा
इसके साथ ही सबा के जन्मदिन के मौके पर उनके भाई सैफ अली खान और भाभी करीना कपूर खान (Saif Kareena) ने तोहफे भेजकर उनके दिन को खास बना दिया है. सबा ने अपने इंस्टा हैंडल पर सैफ और करीना द्वारा भेजे गए स्वादिष्ट केक की झलक साझा की, जिस पर 'हैप्पी बर्थडे सबा' लिखा हुआ था.
कार्ड पर लिखी है ये बात
इसके साथ ही बर्थडे नोट्स के साथ एक गुलदस्ता और हाथ से लिखा हुआ कार्ड भी था. सैफ ने नोट में लिखा है, "हैप्पी बर्थडे डियर सबा !! लव यू, सैफ (भाई)." करीना ने लिखा, "प्रिय सबा जन्मदिन मुबारक हो. एक शानदार दिन और शुगर फ्री केक का एक एक्ट्रा टुकड़ा लें. बेबो."
कौन हैं सबा पटौदी?
बता दें कि, सबा अली खान पेशे से एक ज्वेलरी डिजाइनर हैं और साल 2011 में अपने पिता मंसूर अली खान पटौदी की मृत्यु के बाद सबा को भोपाल के शाही ट्रस्ट के संरक्षक के रूप में नामित किया गया था. ऐसे में सबा ने आज तक शादी नहीं रचाई है. वह औकाफ-ए-शाही ट्रस्ट की मुतवल्ली के रूप में भोपाल और सऊदी अरब में संपत्ति की देखभाल करती हैं.
देश की पहली महिला
जहां सैफ ने अपने पिता की मृत्यु के बाद पटौदी के नवाब की उपाधि ली थी, वहीं सबा को भोपाल ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी के रूप में चुना गया था. वह रियासत के अंत के बाद से औकाफ-ए-शाही की मुखिया बनने वाली देश की पहली महिला हैं.