सोनल जोशी द्वारा निर्देशित फिल्म सुखी 22 सितंबर को रिलीज के लिए तैयार है। फिल्म में शिल्पा शेट्टी, कुशा कपिला, अमित साध, चैतन्य चौधरी ने मुख्य भूमिका निभाई है। यह फिल्म पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी एक अहम संदेश देती है। यह शादीशुदा महिलाओं में जीवन जीने का नया जोश और उत्साह भरने का काम करता है।
सुखी (शिल्पा शेट्टी) एक ऐसी महिला की कहानी है जो अपने परिवार के खिलाफ जाकर गुरु (चैतन्य चौधरी) से प्रेम विवाह करती है। स्कूल और कॉलेज में वह बहुत बिंदास हुआ करती थीं. लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों में इतना फंस जाती है कि जिंदगी जीना भूल जाती है और अब उसे स्कूल के दिन एक सपने जैसे लगते हैं।
एक खुशहाल गृहिणी बनने के बाद वह अपनी 15 साल की बेटी और घर की जिम्मेदारियों के ख्यालों में कहीं खो जाती है। लेकिन कहानी में मोड़ तब आता है जब सुखी के तीन स्कूल दोस्त उसे दिल्ली में पुनर्मिलन के लिए बुलाते हैं। लेकिन गुरु नहीं चाहते कि वह दिल्ली जाए, उन्हें लगता है कि घर का काम कौन करेगा? लेकिन किसी तरह वह हिम्मत जुटाकर दिल्ली चली जाती है और यहीं से कहानी में कई मोड़ आते हैं।
फिल्म का पहला भाग थोड़ा धीमा है, इसे और तेज बनाया जा सकता था। सेकंड हाफ ज्यादा दमदार है. शिल्पा शेट्टी और चैतन्य चौधरी ने अपने-अपने किरदारों को बखूबी समझा और निभाया है। वहीं अमित साध की एंट्री शाहरुख खान की तरह है, फिल्म में उनका स्क्रीन स्पेस कम है लेकिन वो असर छोड़ते हैं। शिल्पा की बाकी दोस्त कुशा कपिला और अन्य लोगों ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है।
फिल्म में गानों के लिए ज्यादा जगह नहीं है और जो गाने रखे गए हैं वो भी कुछ खास यादगार नहीं हैं। फिल्म की कमान सोनल जोशी ने संभाली है। उनका निर्देशन अच्छा है, लेकिन पहले भाग को थोड़ा और आकर्षक बनाने की जरूरत है। इसके बावजूद फिल्म दर्शकों के बीच एक सकारात्मक संदेश छोड़ती है। साथ ही आप इस फिल्म को कहीं न कहीं अपनी जिंदगी से भी जोड़ पाएंगे। यह फिल्म दिखाती है कि महिलाएं कभी भी अपने सपनों को छोड़ना नहीं चाहतीं, भले ही वे शादीशुदा हों और बच्चों की मां हों। कुल मिलाकर सुखी एक अच्छी फिल्म है जो देखने लायक है।