Shankar Dasgupta Death Anniversary: इस मशहूर सिंगर की रेलवे स्टेशन पर हुई थी मौत
रेलवे स्टेशन पर हुई एक दुखद दुर्घटना हुई शंकर दासगुप्ता की जगह पर ही मौत हो गई.
जानें माने सिंगर (Singer) शंकर दासगुप्ता (Shankar Dasgupta) की आज पुण्यतिथि (Death Anniversary) हैं.1927 में भारत के बंगाल में जन्मे शंकर दासगुप्ता ने बचपन से ही गाना शुरू कर दिया था. वह एक प्रशिक्षित गायक थे. 1946 में, उन्हें अपनी फिल्म मिलन-46 में अनिल विश्वास के साथ ब्रेक मिला. करियर के शुरुआत में ही शंकर दासगुप्ता ने गया हुआ उनका पहला गाना ही काफी पॉपुलर हुआ था. इस गाने की सफलता के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने बंगाली और हिंदी दोनों भाषाओं में गाने गए हैं. वह उन बंगाली भाषिक सिंगर्स में से एक थे जिनकी आवाज और गाने सभी को पसंद आते थे. उनके गानों की सभी ने खूब तारीफ भी की थी.
मिलान 46 के बाद उन्होंने अंजना, दीदी, गर्ल्स स्कूल, जीत, आहुति, इज्जत, दो रहा जैसे कई फिल्मों के लिए गाना गया. उन्होंने 39 फिल्मों में लगभग 63 गाने गाए. फिल्मों में गाने गाने के साथ साथ शंकर दासगुप्ता ने आगे चलकर फिल्मों को संगीत देना भी शुरू कर दिया. अपने म्यूजिक करियर में उन्होंने 4 फिल्मों के लिए उनका संगीत दिया. इन चार फिल्मों के नाम थे सदमा, शीश की दीवार, होटल और पहली मुलाक़ात. उनके इस काम को भी दर्शकों द्वारा पसंद किया गया.
न्यूज चैनल में भी किया काम
उन्होंने कई वर्षों तक म्यूजिक कंपोजर अनिल विश्वास और म्यूजिक कंपोजर जयदेव की भी उनके संगीत के काम में सहायता की. संगीत के साथ साथ उन्होंने टीवी पर और न्यूज चैनल में भी काम किया. टीवी और न्यूज में वे 'रिव्यु' का काम करते थे. जब वे अपने काम से रिटायर यानी सेवानिवृत्ति हुए तब सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने भारत छोड़कर इंग्लैंड में बस जानें का फैसला लिया, लेकिन इंग्लैंड में भी उन्होंने काम करना बंद नहीं किया. वहां पर भी शंकर दासगुप्ता टीवी पर काम कर रहे थे.
आखिरी भारत यात्रा
भारत से इंग्लैंड जानें के बाद भी शंकर दासगुप्ता इंडिया आते थे. 1992 में भी वह भारत आए हुए थे. लेकिन भारत का यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर साबित हुआ. 23 जानवर 1992 में मुंबई (उस समय मुंबई को बॉम्बे कहा जाता था.) के एक रेलवे स्टेशन पर हुई एक दुखद दुर्घटना हुई शंकर दासगुप्ता की जगह पर ही मौत हो गई.