सलमान खान पर चोरी का आरोप...शख्स ने राष्ट्रपति को लिखा खत, जानिए क्या है पूरा मामला

Update: 2021-01-20 15:54 GMT

बॉलीवुड स्टार सलमान खान अपनी होम प्रोडक्शन फिल्म 'कागज' को लेकर चर्चाओं में हैं. इसी दौरान वाराणसी के एक शख्स ने यह दावा किया है कि इस फिल्म की कहानी उसके जीवन पर आधारित है और इसे चोरी करके फिल्म बनाई गई है. फिल्म की कहानी उन लोगों पर आधारित है जो सरकारी दस्तावेजों में मृत हो चुके हैं. फिल्म को अपनी कहानी बताने वाला शख्स भी सरकारी रिकॉर्ड में मर चुका है. वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र के जाल्हूपुर इलाके में छितौनी गांव के रहने वाले संतोष मूरत सिंह का दावा है कि फिल्म कागज की कहानी उनके जीवन पर आधारित है और इसे सलामान खान की टीम ने चोरी की है. संतोष ने स्थानीय थाने से लेकर वाराणसी के जिलाधिकारी और प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से सलमान खान प्रोडक्शन कि उस फिल्म 'कागज' की कहानी की शिकायत की है जो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के लाल बिहारी मृतक के ऊपर बनी है.

दरअसल यह फिल्म उन हजारों लोगों के दर्द को बयां करती है जिन्हें संपत्ति या अन्य वजहों से उनके परिवार और पाटीदार ने सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कराकर फायदा उठाया है. संतोष मूरत सिंह भी उन्हीं लोगों में से एक हैं, जिनकी कहानी 20 साल पहले उस वक्त शुरू हुई थी जब उनके गांव में नाना पाटेकर एक फिल्म की शूटिंग करने आए थे. फिर नाना पाटेकर संतोष को अपना कुक बनाकर मुंबई ले गए जहां उन्होंने तीन साल तक नाना के लिए काम किया. मुंबई में ही उन्होंने एक दलित लड़की से शादी भी की. इसके बाद जब वो पत्नी के साथ अपने गांव छितौनी लौटे तो उनके लिए यहां सब कुछ बदल चुका था. गांव आने पर जब उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्यौरा जुटाना शुरू किया तो पता चला कि उनके पाटीदार ने उन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत दिखाकर संपत्ति हड़प ली है. यहां तक कि गांव में उनकी तेरहवीं भी की जा चुकी है. उसी दिन के बाद से संतोष के जीवन में संघर्ष शुरू हो गया और अब तक संतोष खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं. अपने आप को जिंदा साबित करने के साथ-साथ संतोष ने सलमान खान प्रोडक्शन के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मैदान पर उतर चुके हैं.


संतोष मूरत सिंह का कहना है कि वाराणसी के राजस्व विभाग के दस्तावेजों में उन्हें मृत दिखाया जा चुका है. जब पूछा गया कि सलमान खान प्रोडक्शन की बनी फिल्म आजमगढ़ के लाल बिहारी की कहानी पर आधारित है क्योंकि फिल्म में कई घटनाक्रम लाल बिहारी के जीवन से मेल खाते हैं, तो उन्होंने दावा किया कि फिल्म 'कागज' में 70 परसेंट रियल स्टोरी लिया गया है, जबकि 30% मसाला डाला गया है. वो यही चाहते हैं कि जो सच्चाई है उसी को दिखाया जाए ना कि मसाला दिखाया जाए.

लेकिन कुछ सवालों के जवाब संतोष के पास नहीं थे. जैसे कि आजमगढ़ के लाल बिहारी जिनके ऊपर फिल्म कागज बनी है वे राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं? लाल बिहारी की पत्नी ने विधवा पेंशन के लिए अप्लाई किया था? तीन बार लाल बिहारी ने विधानसभा तो 3 बार लोकसभा के लिए चुनाव भी लड़ा है? और सबसे बड़ा सवाल कि लाल बिहारी को अंत में न्याय मिला और वह सरकारी दस्तावेजों में मृतक से जिंदा भी हुए हैं?

संतोष नाना पाटेकर का कुक रहे चुके हैं

इस पर संतोष का कहना था कि उन्हें बिग बॉस शो में बुलाया गया था और उनका ऑडिशन भी हुआ था. संतोष ने बताया कि उनकी कहानी को फोन के जरिए भी पूछ-पूछ कर चुराया गया है. उनके पास फिल्म से संबंधित कोई एग्रीमेंट भी नहीं हुआ है. इन्हीं वजहों से फिल्म निर्माता का पलड़ा भारी है और अग्रीमेंट इसलिए भी नहीं बन सका क्योंकि वह मृतक है. उन्होंने बताया कि बिग बॉस के सेट पर उन्हें बुलाया भी गया था और क्रिएटिव डायरेक्टर मिस्टर भान ने उनसे मुलाकात भी की थी. यह सारी टीम सलमान खान की ही है. जिन्होंने मेरी सच्ची कहानी से चोरी किया है. उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म कागज के डायरेक्टर सतीश कौशिक ने भी उनके लिए एफएम रेडियो पर चर्चा की है, साल 2012 में. इसलिए वह भी उनसे और उनकी सच्ची कहानी से वाकिफ हैं. इसके अलावा संतोष ने बताया कि उनका संघर्ष 20 साल पुराना है और न केवल देश बल्कि विदेश की मीडिया में भी वह सुर्खियों में रहे हैं. डेड मैन वाकिंग, डेड मैन फास्टिंग, डेड मैन रेसिंग इन प्रेसिडेंट इलेक्शन, डेड मैन ऑफर किडनी टू सुषमा स्वराज. ये सारे आर्टिकल और सारे दस्तावेज अभी भी सुरक्षित हैं. दिल्ली के जंतर मंतर पर कई सालों तक उन्होंने धरना भी दिया है. संतोष ने बताया कि उनके पिता फौज में थे और 1988 के बाद उनका देहांत हो चुका था. माता जी का 1995 में जबकि भाई का 1997 में देहांत हो चुका है. सारी संपत्ति मेरे खुद के नाम वरासतन हो गई थी. 

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