कंगना रनौत के शो पर बवाल: कोर्ट कचहरी में फंसा एकता कपूर का शो, जानिए वजह

अगर उल्लंघन साबित हो जाता है, तो प्रोडक्शन हाउस को कॉपीराइट अधिनियम की धारा 51 और 52 के तहत परिणाम भुगतने होंगे.

Update: 2022-02-26 10:57 GMT

अगर आप एकता कपूर के रियलिटी शो लॉकअप के स्ट्रीम होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, तो आपको झटका लग सकता है. क्योंकि एकता कपूर का ये शो कानूनी पचड़े में फंस गया है. शो को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. जिसके चलते लॉकअप की रिलीज डेट को पोस्टपोन भी किया जा सकता है.

27 फरवरी से ऑल्ट बालाजी और एमएक्स प्लेयर पर शुरू होने जा रहे इस शो पर लीगल केस हो गया है. याचिकाकार्ता मिस्टर सनोबर बैग ने एकता कपूर, एमएक्स प्लेयर, एंडमोल शाइन पर उनके गेम शो जेल कॉन्सेप्ट को चुराने का आरोप लगाया है. सनोबर बेग, जेल कॉन्सेप्ट की स्टोरी और स्क्रिप्ट के अकेले राइट होल्डर हैं, उनकी अर्जी पर हैदराबाद की सिटी सिविल कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने शो लॉकअप की रिलीज को लेकर ad-interim injunction जारी किया है.
कोर्ट ने शो लॉक अप का ट्रेलर भी देखा और उसे कॉपी पाया. कोर्ट ने तत्काल नोटिस के साथ एक आदेश पास किया है जिसके जरिए किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर शो के प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है. ये जेल कॉन्सेप्ट प्राइड मीडिया का है जिसपर इसके proprietor सनोबर बेग का हक है, इसे शांतनु रे और शीर्षक आनंद ने लिखा था और 7 मार्च 2018 को कॉपीराइट एक्ट के तहत रजिस्टर कराया था. इसे फिल्म राइटर्स एसोसिएशन के साथ रजिस्टर कराया गया था. अपनी याचिका में मिस्टर बेग ने बताया कैसे इस कॉन्सेप्ट को बनाया गया था. ये भी बताया कि कॉन्सेप्ट डेवलपमेंट के लिए अलग अलग स्टेज पर कितना पैसा निवेश किया गया था.
मिस्टर बेग ने कहा, "जब मैंने शो लॉकअप के प्रोमो देखे तो मैं सदमे में था. मैं लंबे समय से एंडेमोल शाइन के अभिषेक रेगे के संपर्क में हूं और हैदराबाद में इस सब्जेक्ट पर कई बार हमारी मीटिंग हुई थी. उन्होंने मुझसे वादा किया था कि एक बार जब मार्केट बेहतर हो जाएगा, तब हम इसपर काम करेंगे. ये शो हमारे कॉन्सेप्ट जैसा ही नहीं बल्कि उसकी पूरी तरह से कॉपी है. मुझे यकीन नहीं होता कोई इस हद तक कॉन्सेप्ट चुरा सकता है. हमने कॉपीराइट के उल्लंघन के लिए अदालत में अर्जी दी और हमें स्टे ऑडर मिला है. अगर शो फिर भी ऑनएयर होता है तो ये कोर्ट की अवमानना होगी. मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है. हमें इंसाफ मिलेगा.''
अगर उल्लंघन साबित हो जाता है, तो प्रोडक्शन हाउस को कॉपीराइट अधिनियम की धारा 51 और 52 के तहत परिणाम भुगतने होंगे. 


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