रवीना टंडन- 'पुलिस में आना हमेशा से मेरा सीक्रेट ड्रीम था'
मेरे जितने पुराने दोस्त हैं वो भी यही कहते हैं कि मैं बिल्कुल नहीं बदली।
स्मिता श्रीवास्तव। रवीना टंडन ने नेटफ्लिक्स पर रिलीज शो 'आरण्यक' के साथ डिजिटल प्लेटफार्म पर कदम रख दिया है। अपने सफर, शो समेत कई पहलुओं पर उनसे स्मिता श्रीवास्तव की बातचीत...
'आरण्यक' के लिए हां करने की क्या वजह रही?
मैं निश्चित रूप से ओटीटी (ओवर द टाप) प्लेटफार्म पर काम करना चाहती थी। मैं हमेशा से इसे रोचक माध्यम मानती थी। मैं किसी बेहतरीन प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना चाहती थी। इसमें कई ऐसी चीजें थीं जिनकी वजह से इसे न कहने की गुंजाइश नहीं थी। मैं ऐसा शो चाहती थी जिसमें कोई संदेश भी हो। करियर का आगाज सिप्पी फिल्म्स से किया था। 30 साल बाद ओटीटी पर अपना डेब्यू सिप्पी फिल्म्स के साथ कर रही हूं।
30 साल में सिनेमा जगत में किन बदलावों को पाया?
अगर आप गौर से देखें तो पिछले 15 साल में अभिनेत्रियों की स्वीकार्यता बढ़ी है। हमारी ग्लोबल आडियंस भी है। अब एक्सपेरिमेंटल सिनेमा विस्तार हासिल कर रहा है। अलग-अलग तरीके की कहानियां भी बोल सकते हैं
(ठहाका मारते हुए) मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात है कि मुझे पुलिस आफिसर का रोल मिल गया। पुलिस में आना हमेशा से मेरा सीक्रेट ड्रीम था। 'आरण्यक' में मेरा किरदार कस्तूरी डोगरा बहुत दमदार, टैलेंटेड होने के साथ मां भी है। वह मुंबइयां पुलिसकर्मी नहीं है। वो एक पहाड़ी औरत है। निडर और सख्त होने के साथ ही नरम भी है। करियर में जो अचीव करना चाहती है, उसके लिए लड़ती है। कस्तूरी जैसी कितनी महिला पुलिस अधिकारी हैं, जो घर के साथ नौकरी में संतुलन साधती हैं। वो मेरे किरदार के साथ जुड़ाव महसूस करेंगी।
पहले की रवीना और अब की रवीना में कौन ज्यादा निडर है?
(हंसते हुए) मैं समझती हूं कि मैं जैसी थी, अब भी वैसी हूं मगर हां, पहले ज्यादा इंपल्सिव थी। मेरे जितने पुराने दोस्त हैं वो भी यही कहते हैं कि मैं बिल्कुल नहीं बदली।