सिद्धार्थ ने निधन से राकेश को हुआ ये एहसास, बोले- यकीन कर पाना मुश्किल था

यह समय है कि सारी नफरतों को छोड़कर बस अच्छी बातों के बारें में सोचे। और विचार करें तो जो भी निगेटिव बातें हुई या की जाती हैं क्या वह वाकई में सही है या नहीं !

Update: 2021-09-28 04:00 GMT

टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) का दुनिया से यूं ही चले जाना इंडस्ट्री के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। इस झटके से हर कोई आहत है। एक्टर के असामयिक निधन की वजह से बहुत से लोग टूट गए हैं। कुछ ऐसा ही हाल बिग बॉस ओटीटी कंटेस्टेंट राकेश बापट का भी है। राकेश बापट भी एक्टर के अचानक निधन से शॉक्ड और दुखी हैं। सिद्धार्थ के निधन के जानकारी राकेश बापट को शो के लास्ट दिन पता चला था। राकेश ने अपने हालिया इंटरव्यू में बताया है कि जब उन्हें और बाकि उनके को-कंटेस्टेंट्स को जब इस बारें में पता चला तो उन्होंने कैसे रिएक्ट किया।

सिद्धार्थ शुक्ला के निधन के बारें सुनकर था यकीन करना था मुश्किल


पिंकविला से बात करते हुए राकेश बापट ने कहा, "हमें बिग बॉस के घर में शो के आखिरी दिन सिद्धार्थ शुक्ला के असामयिक निधन के बारे में पता चला और हम इसपर विश्वास नहीं कर पा रहे थे।" राकेश ने आगे व्यक्त किया कि कैसे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जीवन कितना आकस्मिक है और नफरत फैलाने के बजाय दया दिखाना ही बहुत महत्वपूर्ण है।


राकेश आगे कहते हैं कि सिद्धार्थ के निधन के बारें जब पता चला तो घर में हम सभी ने बस सभी झगड़ों, बेफिजूल तर्कों को याद किया और उस पर विचार किया! हम सब क्यों लड़ रहे थे? सारी अराजकता क्यों थी? जीवन इतना शॉर्ट है और कोई नहीं जानता कि हम सभी के लिए क्या रखा है। आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है और हम झगड़े, कीचड़ उछालने आदि में लिप्त होने के बजाय अच्छे से रहेंगे। हम सभी किसी न किसी तरह ये महसूस किया कि हम एक पेज हैं। यह फील हुआ कि ये सब केवल एक ट्रॉफी जीतने के लिए, सभी झगड़े, जो निगेटिव बातें हुई, वह इतनी अनावश्यक थी, यह सब अचानक सपाट लग रहा। मुझे बुरा, दुख हुआ और घर में हुए सभी झगड़ों और गलत बातों के लिए भी गुस्सा आया।
सिद्धार्थ ने निधन से राकेश को हुआ ये एहसास
राकेश ने सिद्धार्थ-शहनाज गिल के बीबी ओटीटी एंट्री को याद करते हुए आगे कहा कि सिद्धार्थ के निधन ने मुझे एहसास दिलाया कि हम आने वाले कल बारें नहीं जानते हैं और इसलिए सभी निगेटिव बातें और नफरत को छोड़ कर हमें सिर्फ खुशियां देने की जरूरत है, क्योंकि कोई नहीं जानता कि जीवन ने उनके लिए क्या योजना बनाई है। यह समय है कि सारी नफरतों को छोड़कर बस अच्छी बातों के बारें में सोचे। और विचार करें तो जो भी निगेटिव बातें हुई या की जाती हैं क्या वह वाकई में सही है या नहीं !


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