Mumbai.मुंबई: हिंदी फिल्म जगत के शोमैन राज कपूर अपने दौर के सबसे लोकप्रिय एक्टर और डायरेक्टर थे। उनकी फिल्में दर्शकों को खूब पसंद आया करती थीं, इसके साथ ही उनकी पर्सनल लाइफ भी आए दिन चर्चा में रहती थी। उनकी प्रेम कहानी से लेकर शादी के किस्से, खूब मशहूर हुआ करते थे। दिवंगत एक्टर और राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर की किताब में उनसे जुड़े तमाम अनसुने किस्से हैं, जिनमें से एक वैयजंतीमाला के साथ उनका अफेयर भी है। जिसके कारण राज कपूर की पत्नी अपने बच्चों को लेकर घर से चली गई थीं। ऋषि कपूर ने अपनी किताब में लिखा है, “मैं बहुत छोटा था जब मेरे पिता का नरगिस जी के साथ अफेयर था तो मुझे उससे फर्क नहीं पड़ा। मुझे याद भी नहीं कि उससे घर पर भी कुछ गड़बड़ हुई हो। लेकिन मुझे याद है जब पापा वैजयंतीमाला के साथ थे, उस दौरान मैं अपनी मां के साथ मरीन ड्राइव पर नटराज होटल गया था।”
ऋषि कपूर ने मां के जीवन में आए उस अहम मोड़ को लेकर किताब में खुलकर बताया है। उन्होंने आगे लिखा है, “मेरी मां ने ठान लिया था कि इस बार वो हार नहीं मानेगी। होटल में दो महीने रहने के बाद हम लोग चित्रकूट में एक अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए। मेरे पिता ने मां और हमारे लिए एक अपार्टमेंट खरीदा था। उन्होंने मां को वापस पाने के लिए सब कुछ किया, लेकिन मेरी मां तब तक नहीं मानी जब तक मेरे पिता ने अपने जीवन के उस चैप्टर को खत्म नहीं किया।
वैजयंतीमाला ने किया था राज कपूर संग रिश्ते से इनकार
बता दें कि वैजयंतीमाला, राज कपूर के साथ अपने संबंध से इनकार कर चुकी हैं। उनका कहना था कि ये सब अफवाह थी जो राज कपूर ने पब्लिसिटी के लिए फैलाई थी। इसे लेकर भी ऋषि कपूर ने अपनी किताब में जिक्र किया है। उन्होंने लिखा, “कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में, वैजयंतीमाला ने मेरे पिता के साथ कभी भी संबंध होने से इनकार किया था। उन्होंने दावा किया कि मेरे पिता ने पब्लिसिटी के लिए उनके साथ रोमांस की कहानी रची थी। मुझे इस बात से बहुत गुस्सा आया था। वो ऐसा कैसे कर सकती हैं और कैसे दिखावा कर सकती हैं कि कभी कुछ था ही नहीं?” ऐसा वैजयंतीमाला ने राज कपूर के निधन के बाद कहा था तो इस पर ऋषि कपूर ने लिखा कि उन्हें ऐसा तब नहीं कहना चाहिए था जब उनके पिता अपनी सफाई पेश करने के लिए इस दुनिया में थे ही नहीं।
ऋषि ने ये भी बताया था कि जब वैजयंतीमाला की किताब रिलीज हुई तो कई लोगों ने उनसे उनकी प्रतिक्रिया पूछी थी। उस वक्त का जिक्र करते हुए ऋषि कपूर ने लिखा था कि अब वैजयंतीमाला को लेकर उनके मन में उतना गुस्सा नहीं रह गया था, लेकिन वो ये बात जानते थे कि अगर उनके पिता राज कपूर जिंदा होते तो वैजयंतीमाला उनके साथ अपने रिश्ते पर इतनी सफाई से झूठ कभी न बोलतीं। आपको बता दें कि राज कपूर और वैजयंतीमाला ने पहली बार 1961 में फिल्म ‘नजराना’ में एक साथ काम किया था। इसके बाद उन्होंने राज कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘संगम में भी एक साथ अभिनय किया, जिसमें राजेंद्र कुमार भी थे। साथ काम करते-करते दोनों की नजदीकियां बढ़ गई थीं।