बीमार परवेज मुशर्रफ से मिलने के लिए पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा चुपके से गए थे दुबई

पाकिस्‍तानी सेना ने एक बयान जारी करके कहा था कि निश्चित रूप से राजद्रोही नहीं हो सकते हैं।

Update: 2022-06-26 07:02 GMT

संयुक्‍त अरब अमीरात में अंतिम सांसें गिन रहे पाकिस्‍तान के पूर्व तानाशाह और कई मुकदमों में वांछित चल रहे परवेज मुशर्रफ से मिलने के लिए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा चुपके से दुबई गए थे। पाकिस्‍तानी मीडिया ने यह बड़ा खुलासा किया है। यही नहीं जनरल बाजवा के साथ उनकी पत्‍नी और पाकिस्‍तानी सेना के शीर्ष डॉक्‍टर भी मौजूद थे। मुशर्रफ पर पाकिस्‍तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्‍या करवाने समेत कई आरोप हैं और वह जेल से बचने के लिए साल 2018 से ही यूएई में रह रहे हैं।

मुशर्रफ के परिवार ने जनरल बाजवा का स्‍वागत किया। मुशर्रफ 'अमाइलॉइडोसिस' नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के अनुसार यह अमाइलॉइडोसिस बीमारी पूरे शरीर के अंगों और ऊतकों में अमाइलॉइड नामक असामान्य प्रोटीन के निर्माण के कारण होती है। अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। इससे पहले मुशर्रफ ने इच्‍छा जताई थी कि उन्‍हें पाकिस्‍तान जाने की अनुमति दी जाए। हालांकि इलाज की सही सुविधा नहीं होने की वजह से परिवार अभी उन्‍हें ले आने को तैयार नहीं है।
अदालत ने मुशर्रफ को राजद्रोह के केस में दोषी पाया
मुशर्रफ को Daratumumab दवा की जरूरत है जो उन्‍हें पाकिस्‍तान में नहीं मिल पाएगी। पाकिस्‍तानी सेना और सरकार ने आश्‍वासन दिया है कि मुशर्रफ को स्‍वदेश वापसी करने दिया जाएगा। मुशर्रफ ने साल 1999 में नवाज शरीफ की सरकार का तख्‍तापलट करके पाकिस्‍तान पर कब्‍जा कर लिया था और साल 2001 से लेकर 2008 तक देश के राष्‍ट्रपति रहे थे। तानाशाह की वजह से कई साल तक निर्वासन झेलने वाले नवाज शरीफ ने भी दुश्‍मनी को भूलते हुए मुशर्रफ के वापसी का विरोध नहीं किया है।
बता दें कि 17 दिसंबर 2019 को पाकिस्‍तान की एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ को राजद्रोह के केस में दोषी पाया था और उन्‍हें मौत की सजा सुनाई थी। इस सुनवाई को नवाज शरीफ ने शुरू कराया था। नवाज शरीफ साल 2013 में तीसरी बार पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री चुने गए थे। जनरल मुशर्रफ पहले ऐसे आर्मी चीफ थे जिन्‍हें राजद्रोह का सामना करना पड़ा और इस पूरे मामले पर पाकिस्‍तानी सेना की नजर थी। पाकिस्‍तानी सेना ने एक बयान जारी करके कहा था कि निश्चित रूप से राजद्रोही नहीं हो सकते हैं।

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