दिलीप कुमार ने BCCI से सिफारिश करने पर, इस खिलाड़ी का बना करियर जीत लिया विश्व कप

1983 विश्प कप में भारत की जीत के कई नायकों में से एक ये दिग्गज भी थे, जिन्होंने पहले मैच से लेकर सेमीफाइनल तक कुछ जबरदस्त पारियां खेलकर टीम को फाइनल तक पहुंचाया था.

Update: 2021-07-07 05:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिलीप कुमार (Dilip Kumar) यानी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम, जिसने सिल्वर स्क्रीन पर अपनी अदाकारी से न सिर्फ किरदारों को यादगार बनाया, बल्कि देश की महान और सबसे सम्मानित हस्तियों में अपनी जगह बनाई. दिलीप कुमार ने न सिर्फ फिल्में बनाईं, बल्कि कई लोगों को इस इंडस्ट्री में मौके भी दिए. लेकिन ये जानकर आपको हैरानी होगी, इस महान अभिनेता ने एक भारतीय क्रिकेटर का करियर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. दिलीप कुमार की सिफारिश के बाद इस क्रिकेटर को भारतीय टीम में जगह मिली और फिर वह विश्व विजेता बना. ये खिला़ड़ी और कोई नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma) हैं, जो 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम के अहम सदस्य थे.

महान भारतीय अभिनेता दिलीप कुमार यानी मोहम्मद यूसुफ खान का बुधवार 7 जुलाई की सुबह मुंबई में निधन हो गया. दिलीप कुमार कुछ वक्त से बीमार थे और मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. 98 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहने वाले दिलीप कुमार के फिल्मी करियर से जुड़े कई किस्से बेहद मशहूर हैं, लेकिन एक किस्सा ऐसा भी है, जो कैमरों की दुनिया से अलग था और इसने यशपाल शर्मा का क्रिकेट करियर ही संवार दिया.
रणजी ट्रॉफी में देखा, BCCI से की सिफारिश
यशपाल शर्मा ने टीवी शो में इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया था कि दिलीप कुमार ने ही उनके करियर को दिशा दी थी और वह भारतीय टीम तक पहुंच पाए थे. दिलीप कुमार को अपना पसंदीदा अभिनेता बताते हुए यशपाल ने बताया कि वह दिग्गज अभिनेता को हमेशा यूसुफ भाई कहते थे. उन्होंने कहा, "मेरी क्रिकेट में जिंदगी बनाने वाले वो हैं. जिन्होंने मुझे रणजी ट्रॉफी से बीसीसीआई तक पहुंचाया, उनका नाम यूसुफ भाई हैं, जिन्हें आप दिलीप कुमार के नाम से जानते हैं. मैं उनके साथ इमोशनली जुड़ा हूं क्योंकि वह बीमार होते हैं तो मुझे तकलीफ होती है."
यशपाल ने आगे बताया, "मेरा एक रणजी ट्रॉफी मैच देखते हैं पहली बार. मैं दूसरी पारी में दूसरे शतक के करीब हूं. ये देखकर वो बीसीसीआई से बात करते हैं और कहते हैं कि पंजाब का लड़का आया है. आप उसे देखिए, उसमें वो कला है और वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल सकता है. मेरा एक मैच देखकर बीसीसीआई को बताना और जहां से मेरे लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का रास्ता खुला, उसका जरिया बने यूसुफ भाई."
1983 विश्व कप के हीरो
पंजाब के रणजी ट्रॉफी खेलने वाले यशपाल शर्मा ने 1978 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपना वनडे और फिर 1979 में टेस्ट डेब्यू किया था. करीब साढ़े 6 साल के करियर में यशपाल ने 37 टेस्ट मैचों में 1606 रन बनाए, जिसमें 2 शतक शामिल थे. वहीं 42 वनडे मैचों में 883 रन बनाए थे. यशपाल के करियर का सबसे बड़ा अवसर 1983 विश्व कप में आया, जो भारतीय क्रिकेट के लिए भी टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. उस विश्व कप में यशपाल ने कुछ अच्छी पारियां खेली थीं. वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले ही मैच में 89 रन बनाए. फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 40 रनों की पारी खेली. फिर सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 61 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई थी.


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