नोरा फतेही ने किया है काफी स्ट्रगल, 16 साल की उम्र में करती थी सेल्सगर्ल का जॉब

उन्होंने कहा, 'जब आपको पता हो कि जब भी आप बोलने की कोशिश करेंगे लोग आप पर हंसने वाले हैं. ये सह पाना मुश्किल होता है.'

Update: 2021-10-03 06:54 GMT

बॉलीवुड के लिए 'कमरिया', 'साकी-साकी' जैसे सुपरहिट डांस नंबर देने वालीं नोरा फतेही (Nora Fatehi) आज सबकी फेवरेट हैं. वह बहुत ही कम समय में हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री में सबसे ग्रैंड और पॉपुलर डीवा बन चुकी हैं. इस मुकाम को पाने के लिए नोरा ने काफी मेहनत की है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नोरा ने अपनी बाली उमर में काफी स्ट्रगल (Nora Fatehi Struggle Story) किया है. वह महज 16 साल की उम्र में एक मॉल में सेल्स गर्ल के रूप में काम करती थीं.

खुद किया था स्ट्रगल का खुलासा
यह तो आपको पता ही है कि बॉलीवुड में एंट्री से पहले नोरा फतेही (Nora Fatehi) मोरक्को में थीं. जहां उन्होंने अपने जीवन में काफी स्ट्रगल के साथ आगे बढ़ना सीखा. इससे पहले वह अपनी मेंटल हेल्थ को लेकर मीडिया के सामने भी खुल कर बोल चुकी हैं. हमारी सहयोगी वेबसाइट bollywoodlife.com की रिपोर्ट के अनुसार, नोरा ने खुद अपनी नौकरी को लेकर बड़ा खुलासा किया था.
स्कूल के बाद जाती थीं मॉल
एक इंटरव्यू में नोरा फतेही ने कहा था, 'मेरी पहली नौकरी एक मॉल में रिटेल सेल्स एसोसिएट के रूप में थी, जो मेरे हाई स्कूल के ठीक बगल में था, इसलिए मैं अपनी क्लास खत्म होते ही वहां जाती थी. उस समय मैं 16 साल की थी. मुझे कई कारणों से काम करना पड़ा. मेरे परिवार में बहुत सारे फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स थे.'
जब इंटरव्यू में रो पड़ीं थी नोरा
बता दें कि नोरा उन सेलेब्रिटीज में शुमार हैं जो आए अपने इंटरव्यू में काफी इमानदारी से अपने अतीत पर बात करती हैं. उन्होंने कुछ महीने पहले ब्रूट को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि भारत आकर उन्हें भाषा को लेकर काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी. ये किस्सा सुनाते हुए नोरा फफककर रोने लगी थीं. नोरा का कहना था कि उनके मन में सपने थे कि बॉलीवुड में आने के बाद उनका जीवन कैसा होगा. वह बोलीं, 'मैंने सोचा कि यह एक हाईफाई लाइफ स्टाइल की तरह होने जा रहा है, क्योंकि मैं बॉलीवुड जा रही हूं. ऐसा कुछ नहीं था. मुझे अपने जीवन का सबसे बड़ा झटका लगा, चेहरे पर सबसे बड़ा थप्पड़.'
लोग उड़ाते थे हंसी
कनाडा जैसे विकसित देश से भारत जैसे विकासशील देश में आई नोरा के लिए सबसे बड़ी चुनौती भाषा थी. लेकिन वह अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने हिंदी डिक्शन कोच के साथ घंटों, दिन और महीने बिताती थी लेकिन उन्हें उन लोगों से अपमान का सामना करना पड़ता था जो उसके बोलने के तरीके पर हंसते थे. उन्होंने कहा, 'जब आपको पता हो कि जब भी आप बोलने की कोशिश करेंगे लोग आप पर हंसने वाले हैं. ये सह पाना मुश्किल होता है.'

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