मुंबई. नेश्नलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने दावा किया है कि उन्हें स्वापक नियंत्रण ब्यूरो यानी NCB के एक कर्मचारी ने चिट्ठी भेजी है. उन्होंने कहा कि मैं इसे नारकोटिक्स के महानिदेशक को भेज रहा हूं. मलिक ने दावा किया कि इस चिट्ठी भेजने वाले ने अपने नाम का जिक्र नहीं किया है. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार मलिक ने कहा- 'मुझे NCB के अज्ञात अधिकारी का पत्र मिला है. हम मांग करते हैं कि जांच होनी चाहिए.'
महाराष्ट्र के मंत्री ने दावा किया, 'NCB अधिकारी समीर वानखेड़े मुंबई और ठाणे में दो निजी लोगों के माध्यम से कुछ लोगों के मोबाइल फोन अवैध रूप से इंटरसेप्ट कर रहे हैं.' उन्होंने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि NCB के अज्ञात अधिकारी द्वारा मुझे भेजे गए पत्र में दावा किया गया है कि झूठे मामलों में कई लोगों को फंसाया गया है. NCB कार्यालय में पंचनामा का मसौदा तैयार किया गया था.'
मलिक ने एक ट्वीट में कहा- 'NCB के अज्ञात अधिकारी से मुझे मिली यह चिट्ठी यहां है. एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में मैं यह पत्र डीजी नारकोटिक्स को भेज रहा हूं. इसमें उनसे अनुरोध किया गया है कि इस पत्र को समीर वानखेड़े के खिलाफ की जा रही जांच में शामिल किया जाए.' मलिक ने जो चिट्ठी ट्वीट की है उसे कथित अधिकारी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, DGP संजय पांडेय, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को भी भेजा है. इस चिट्ठी में दावा किया गया है कि NCB के जोनल हेड ने 26 मामलों में कथित फर्जीवाड़ा किया है.
चिट्ठी में 24वें नंबर पर आर्यन खान के मामले का जिक्र है. इस मामले में दावा किया है कि – केस नंबर 94/2021 में क्रूज़ पर जो केस किया है उसमें सभी पंचनामे NCB मुंबई के ऑफिस में लिखे गए हैं व बीजेपी के इशारे पर उनके दो कार्यकर्ताओं ने समीर वानखेड़े के साथ मिली भगत से ड्रग प्लांट कर के किया है. क्रूज पर NCB के कर्मचारी सुप्रिटेंडेंट विश्व विजय सिंह, IO आशीष रंजन, IO किरण बाबू, IO विश्वनाथ तिवारी व JIO सुधाकर शिंदे, OTC कदम, सिपाही रेड्डी, पीडी मोरे व विष्णु मीना, ड्राइवर अनिल माने व समीर का निजी सचिव शरद कुमार व अन्य कर्मचारी अपने सामान में छिपा कर ड्रग ले गए थे व मौका पाकर लोगों के निजी समान में रख दिया.
चिट्ठी में दावा किया है कि – 'समीर वानखेड़े को सर्च या ऑपरेशन के दौरान कोई बॉलीवुड या मॉडल या सेलेब्रिटी मिलना चाहिए तो वह उसे जबर्दस्ती ड्रग अपने पास से रखकर केस बना देता है. इस मामले में भी ये ही हुआ है. समीर पिछले एक माह से बीजेपी के दोनों कार्यकर्ताओं (केपी गोसावी व मनीष भानुशाली) से संपर्क में है व क्रूज से जितने भी आदमी पकड़े गए थे उन्हें NCB ऑफिस लाया गया व सारे पंचनामे NCB के ऑफिस में बैठ कर बनाए गए. परंतु रिशव सचदेव, प्रतीक गावा व अमीर फर्नीचरवाला को उसी रात दिल्ली से फोन आने पर छोड़ा गया. इस मामले में समीर वानखेड़े की फोन कॉल डिटेल चेक की जा सकती है.'
दावा किया गया है कि 'इस मामले में अरबाज मर्चेन्ट के दोस्त अब्दुल से कोई ड्रग नहीं मिली थी लेकिन समीर के कहने से उस पर भी ड्रग रिकवरी दिखा दी गई है. समीर ने इस केस में अपने (NCB) कार्यालय के ड्राइवर विजय को पंच यानि गवाह बना दिया है, जबकि कानून कहता है कि गवाह स्वतंत्र होने चाहिए. यह सारा केस फर्जी है व जो ड्रग प्राप्त हुई है समीर व उसके साथियों ने प्लांट की है.'
चिट्ठी के आखिरी पन्ने पर दावा है कि समीर ने जब से NCB मुंबई का काम संभाला है तब से किसी भी पकड़े गए आदमी से 25 खाली कागजों पर दस्तखत कराए जाते हैं. दावा किया गया है कि अगर छापा मारा जाए तो यह दस्तखत वाले खाली पन्ने बरामद हो सकते हैं.