पणजी (आईएएनएस)| स्कूली नाटकों में अपने अभिनय के दौर को याद करते हुए, प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने कहा है कि उनका पहला अभिनय कार्यकाल काफी खराब था, लेकिन उनके पिता ने उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। खेर एक मास्टरक्लास में नवोदित अभिनेताओं का मार्गदर्शन कर रहे थे, जो उन्होंने बुधवार को गोवा में 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के दौरान 'परफॉमिर्ंग फॉर स्क्रीन एंड थिएटर' पर आयोजित किया था।
उन्होंने कहा, "अभिनेता पैदा नहीं होते हैं। स्कूल के नाटक में मेरा पहला अभिनय बहुत ही खराब था। लेकिन मेरे पिता ने शाम को मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए फूल दिए।"
अनुपम खेर ने अपने जीवन की कहानी सुनाई कि वह कैसे बने एक सफल अभिनेता। बता दें कि, अभिनेता का बचपन शिमला में बिता है जहां पर वह एक संयुक्त परिवार में रहते थे।
अभिनेता अनुपम खेर ने नए कलाकारों और अभिनेताओं को लेकर कहा, "जब तक गलतियां नहीं होतीं, तब तक कोई अभिनेता नहीं हो सकता। किसी को भी गलतियों के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि अभिनय का प्रशिक्षण किसी अन्य क्षेत्र या पेशे की तरह ही महत्वपूर्ण है। "प्रशिक्षण आपको आत्मविश्वास देता है, यह एक मोटर ड्राइविंग स्कूल की तरह है। यह डर को दूर करता है।"
उन्होंने कहा कि एक्टिंग का कोई सिलेबस नहीं होता। यह मानव स्वभाव के बारे में है। खेर ने एक अच्छे अभिनेता को परिभाषित करने का वर्णन करते हुए कहा, "एक अभिनेता को भावनाओं से भरा होना चाहिए, जीवन से भरा होना चाहिए। एक अभिनेता के लिए तीन हथियार अवलोकन, कल्पना और भावनात्मक स्मृति हैं।"
अनुपम खेर ने कहा कि उन्हें कैसे याद किया जाना पसंद किया जाएगा, इस बारे में कहा कि एक शिक्षक के रूप में याद किया जाना सबसे बड़ी संतुष्टि है।