नई दिल्ली: दिग्गज अदाकारा रत्ना पाठक ने बीत दिनों करवा चौथ पर अपनी राय रखकर विवादों को न्यौता दिया था. रत्ना पाठक ने मॉर्डन और पढ़ी लिखी महिलाओं के करवा चौथ का व्रत रखने पर हैरानी जताई थी. जब किसी ने रत्ना से करवाचौथ व्रत के बारे में पूछा. तो वे बोलीं- क्या मैं पागल हूं? रत्ना पाठक की इस बात पर मुकेश खन्ना ने रिएक्ट किया है.
मुकेश खन्ना जो अपने तल्ख बयानों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपने व्लॉग में रत्ना पाठक पर तंज कसा. उन्होंने कहा कैसे रत्ना इतनी गैर जिम्मेदाराना बात कर सकती हैं. उनके इस बयान के खिलाफ देश खड़ा हो गया. रत्ना ने अपने नाम में पाठक को जिंदा रखा है फिर भी ऐसी बचकानी बात कह दी. मुकेश खन्ना बोले- आप क्या समझती हैं, आप पढ़ी लिखी हैं. आपको पता है बड़े घरों की बहुएं भी करवाचौथ रखने में गर्व महसूस करती हैं. लेकिन आप इस खूबसूरत त्योहार को अंधविश्वास कहती हैं. ये ज्यादा पढ़े लिखे लोग बाद में कम्यूनिस्ट हो जाते हैं. आप क्या बेबुनियाद और नासमझी की बात कर रही हैं.
मुकेश खन्ना करवा चौथ को लेकर रत्ना पाठक के तर्क से पूरी तरह असहमत दिखे. उन्होंने एक्ट्रेस से सवाल किया क्या मैं ये समझूं कि आप पर धर्म हावी हो गया है? जिसको आपने शादी में अपनाया हुआ है. तो क्यों आपने अपने सरनेम में पाठक लगाया हुआ है. पाठकों को क्यों बदनाम कर रही हैं. ऐसी बातें कौन करता है. आप मूर्ख हैं समझदार नहीं. अरे हम अंधविश्वास में भी जी रहे हैं तो भी खुश हैं. आपका ये बयान किसी को भी पसंद नहीं आया. अगर आपने ये बयान किसी गांव में दिया होता तो वहां की औरतें आपको मारने को दौड़ेंगी.
पिंकविला को दिए इंटरव्यू में रत्ना पाठक शाह ने कहा था, 'हमारा समाज रूढ़िवादी बन रहा है. हम वहमी होते जा रहे हैं, हमें धर्म को अपनी जिंदगी का बहुत जरूरी पार्ट बनाने के लिए और उसे अपनाने के लिए फोर्स किया जा रहा है. अचानक से सब बात कर रहे हैं करवा चौथ का व्रत नहीं कर रहे आप. आजतक मुझे किसी ने नहीं पूछा.पिछले साल मुझे किसी ने पूछा. मैंने कहा- पागल हूं मैं?
''यह हैरानी की बात है कि आज के समय में मॉडर्न और पढ़ी-लिखी महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख रही हैं. अपने पति की जिंदगी के लिए, ताकि उन्हें उनकी खुद की जिंदगी में कुछ वैधता मिले. क्योंकि भारतीय समाज में एक विधवा होना बहुत बुरा माना जाता है. तो कोई भी चीज जो मुझे विधवा होने से बचाए.''