मुंबई: कंगना रनौत 'आजादी भीख' में मिलने की बात कहकर कई लोगों के निशाने पर आ चुकी हैं। अब महाभारत के 'भीष्म' मुकेश खन्ना ने भी उनके स्टेटमेंट पर अपनी राय रखी है। मुकेश खन्ना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये कंगान को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कंगना के इस बयान को इनडायरेक्टली बचकाना, चापलूसी से प्रेरित और पद्म श्री का साइड इफेक्ट भी कहा है। मुकेश खन्ना ने लंबे पोस्ट के साथ आखिर में लिखा है कि ऐसे विवादित बयान देना बंद कीजिए।
मुकेश खन्ना ने लिखा है, कई लोग बार बार मुझसे कह रहे हैं कि आपने देश के स्वतंत्रता पर किए गए कटाक्ष पर कोई टिप्पणी नहीं दी। क्यों ?? तो मैं बताऊं। दे चुका हूं। पर शायद पढ़ा नहीं गया। तो सोचा पब्लिकली ही कह दूं। मेरे हिसाब से ये स्टेटमेंट बचकाना था। हास्यास्पद था। चापलूसी से प्रेरित था। अज्ञानता दर्शाता था या पद्म अवार्ड का साइड इफेक्ट था। मैं नहीं जानता। पर सब ये जानते हैं और मानते भी हैं कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को ही आज़ाद हुआ था। इसको अलग जामा पहनाने की कोशिश करना भी किसी के लिए मूर्खता से कम नहीं होगा।
हालांकि मुकेश खन्ना ने भी पोस्ट में लिखा कि आजादी सिर्फ गांधीजी के कमाल से नहीं बल्कि क्रांतिकारियों के खौफ से मिली थी। उन्होंने लिखा, पर यहां मैं ये खुलासा भी करना चाहूंगा कि यह कहना या गाना की.. दे दी हमें आज़ादी बिना खडग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल.. भी वास्तविकता से उतना ही दूर है जितना ऊपर वाला स्टेट्मेंट। हकीकत ये है कि अंग्रेजी हुकूमत के मन में अगर किसी ने भागने का खौफ पैदा किया तो वो था देश के असंख्य क्रांतिकारियों का बलिदान, सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज का डर और अपने ही सैनिकों की बगावत।